भारत ने “तथाकथित गिलगित बाल्टिस्तान” को प्रांतीय दर्जा देने के पाकिस्तान के प्रयास की रविवार को निंदा करते हुए कहा कि इसका मकसद इस्लामाबाद द्वारा इस क्षेत्र पर “अवैध” कब्जे को छिपाना है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस्लामाबाद के “अवैध और जबरन कब्जे वाले” भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से में बदलाव लाने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास को भारत “दृढ़ता से खारिज” करता है और पड़ोसी देश से तत्काल उस इलाके को खाली करने को कहा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा रविवार को गिलगित में कहा गया था कि उनकी सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को “अस्थायी प्रांत का दर्जा” देने की घोषणा की थी. खान के इस बयान पर मीडिया ने जब सवाल किया तब श्रीवास्तव की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई.
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प्रवक्ता ने कहा, “ 1947 में जम्मू कश्मीर के भारत संघ में वैध, पूर्ण और अटल विलय की वजह से तथाकथित ‘गिलगित बाल्टिस्तान’ समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं.”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का “अवैध और जबरन” कब्जाए गए इन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और इस नए कदम से पाकिस्तान के कब्जे वाले इन क्षेत्रों में मानवाधिकार के घोर उल्लंघन को छिपाया नहीं जा सकेगा.
श्रीवास्तव ने कहा, “अवैध कब्जे को छिपाने के लिये पाकिस्तान की तरफ से किये जा रहे ऐसे प्रयास पाकिस्तान के कब्जे वाले इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों के साथ सात दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और आजादी से उन्हें वंचित रखे जाने को छिपा नहीं पाएंगे.”
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उन्होंने कहा, “इन भारतीय क्षेत्रों का दर्जा बदलने के प्रयास के बजाए हम पाकिस्तान से तत्काल अवैध कब्जे को छोड़ने की मांग करते हैं.” पाकिस्तान ने इस महीने के अंत में गिलगिल बाल्टिस्तान में विधानसभा के लिये चुनाव कराने की घोषणा की है.
Source : Bhasha