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ट्रंप के मध्यस्थता की पेशकश पर MEA का बयान- राजनयिक स्तर पर चीन से बातचीत जारी

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता की पेशकश पर बड़ा बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक स्तर पर चीन से बातचीत जारी है.

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Deepak Pandey
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विदेश मंत्री एस जयशंकर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (us president donald trump) के मध्यस्थता की पेशकश पर बड़ा बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि राजनयिक स्तर पर चीन से बातचीत जारी है. दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण तरीके से मामला सुलझा लिया जाएगा. MEA ने कहा कि चीन और भारत के बीच विवादों को सुलझाने के लिए पांच एग्रीमेंट हैं, जो 1993,1996, 2005, 2012 और 2013 में हुए थे.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए इन समझौतों के जरिये किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने और शांति बनाए रखने की कोशिश की जाती है. मौजूदा विवाद को सुलझाने के लिए डिफेंस और डिप्लोमेटिक दोनों लेवल पर बातचीत जारी है. दिल्ली और बीजिंग दोनों ही जगह राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है, ताकि मौजूदा विवाद को आसानी से सुलझाया जाए.

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत और चीन के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की थी. बता दें कि पिछले कई सालों के भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में आए दिन तनाव हो जाता है. सीमा पर आए दिन भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा रेखाओं को लेकर लगातार माहौल गर्म रहता है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब भारत और चीन के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की है.

MEA ने आगे कहा कि रेगिस्तानी टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए एक रीजनल मैकेनिज्म है, जिसके तहत भारत-पाकिस्तान के बीच भी चैनल बना हुआ है. बढ़ती गर्मी को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान के साथ इस कम्युनिकेशन चैनल को बहाल करने की पहल की, लेकिन अभी तक पाक की तरफ से कोई फीडबैक नहीं आया है.

उन्होंने कहा कि इन टिड्डियों से निपटने में मेलाथियान नामक दवा का छिड़काव बेहद कारगर होता है, जिसे भारत मुहैया भी कराता रहा है. वंदे भारत मिशन के तहत 60 देशों में 3 लाख 8 हजार 200 भारतीयों ने रजिस्टेशन कराया, जिनमें से एक लाख भारतीय इस महीने के अंत तक वापस आ जाएंगे.

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उन्होंने आगे कहा कि वंदे भारत मिशन का 3rd फेज 13 जून के बाद शुरू होगा. इंडिया-ऑस्ट्रेलिया समिट 4 जून से होगा, जिसमें ट्रेड, कॉपरेटिव और मौजूदा ग्लोबल स्थिति पर विस्तृत चर्चा होगी.

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