नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी मेधा पाटकर ने शनिवार को अपना उपवास खत्म कर दिया। यह उपवास वे पिछले 17 दिनों से रखें हुए थीं। मेधा पाटकर ने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से डूब में आने वाले गांव के लोगों की हक की लड़ाई के आंदोलन में रखा था।
मेधा ने अपना उपवास कई सामाजिक संगठनों के कहने पर खत्म किया है। वहीं जेल प्रशासन ने बताया कि वे फिलहाल जेल में ही रहेंगी। पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने बताया, 'विभिन्न संगठनों के 15 सदस्य धार जेल पहुंचे, सात सदस्यों ने पाटकर से जेल में मुलाकात की और उपवास समाप्त करने का उनसे अनुरोध किया।'
बता दें कि मेधा पाटकर पिछले तीन दिनों से जेल में बंद हैं। उन्होंने जेल में नींबू पानी पीकर अपना उपवास खत्म किया। इस दौरान उपवास के कारण उनका स्वस्थ्य लगातार बिगड़ रहा था।
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मेधा को शरद यादव (राज्यसभा सदस्य) सहित अन्य संगठनों के पत्रों के साथ बताया गया कि उनके साथ देशभर के लोग खड़े हैं, इसके अलावा अधिवक्ता संजय पारिक, पूर्व सांसद हन्नान मुल्ला, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन के एनी राजा, कृषक मुक्ति संग्राम समिति के अखिल गोगोई, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, वरिष्ठ पत्रकार चिन्मय मिश्र, प्रमोद बागड़ी, सरोज मिश्र, मीरा आदि उपस्थित थे।
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बता दें कि बांध की ऊंचाई बढ़ाने से डूब में आने वाले 40 हजार परिवारों के हक में 27 जुलाई से उपवास पर बैठीं मेधा को पहले जबरिया उठाकर इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद इंदौर से बड़वानी जाते वक्त धार जिले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
डॉ. सुनीलम के मुताबिक, 'मेधा पर पांच फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वे अभी जेल में ही रहेंगी, क्योंकि मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।'
Source : News Nation Bureau