मेधा पाटकर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की कोशिश करते सैकड़ों किसानों को राजस्थान की सीमा से सटे आगरा जिले के सैयां गांव के पास से रोक दिया गया. राजस्थान और मध्यप्रदेश के आंदोलनकारी किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे. आगरा और राजस्थान के धौलपुर से पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं, ताकि यातायात सुचारु हो सके. दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतार ने आवागमन को बाधित कर दिया है.
आंदोलनकारी धरने पर बैठ गए हैं और मेधा पाटकर 12 घंटे के अनशन पर हैं. कामरेड जसविंदर के नेतृत्व में एक समूह सुबह 10 बजे के आसपास आगरा की सीमा पर पहुंच गया, लेकिन उसे आगरा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी. मेधा पाटकर की अगुवाई वाला समूह बुधवार रात आगरा सीमा पर पहुंच गया था, मगर उन्हें तमाम कोशिशों के बाद भी आगरा में प्रवेश करने से रोक दिया गया.
किसान नेताओं ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश सरकार के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए उन्हें बेवजह रोका जा रहा है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि केंद्र सरकार का कानून किसान विरोधी और संवैधानिक अधिकार विरोधी हैं और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा के किसान, विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली आ रहे हैं. गुरुवार को किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती और बैरिकेडिंग आदि के सख्त इंतजाम किए गए. दिल्ली कूच में एक लाख किसानों के जुटने का दावा किया जा रहा है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें रोका गया तो वे दिल्ली जाने वाले सारे रास्ते जाम कर देंगे. हालांकि किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए गुरुवार को दिल्ली मेट्रो ने भी अपनी सेवाओं में बदलाव किया है. नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों को जोड़ने वाली लाइनों पर बार्डर के दो स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवा दोपहर दो बजे तक बंद रही.
Source : News Nation Bureau