मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित दूसरे राजघाट को तोड़े जाने को कांग्रेस ने 'घिनौना कृत्य' करार दिया है। इसे मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के इसारों पर हुई कार्रवाई बताया है। वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने इस कृत्य को महात्मा गांधी की दूसरी बार हत्या करार दिया है।
नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर की जा रही है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि 31 जुलाई से पूर्व बांध की ऊंचाई बढ़ाने से डूब क्षेत्र में आने वाले गांव के निवासियों का पुनर्वास किया जाए। नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने से राजघाट भी डूब क्षेत्र में आने वाला था।
पाटकर ने कहा, 'राज्य सरकार असंवेदनशील हो चुकी है, वह न्यायालय में झूठी जानकारियां दे रही है, इतना ही नहीं विस्थापित होने वाले परिवारों की जो सूची बनाई है वह भी गड़बड़ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से प्रभावित होने वाले परिवारों की समस्या पर चर्चा तक को तैयार नहीं हैं।'
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वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शुक्रवार को बड़वानी पहुंचकर डूब प्रभावितों से मिलेंगे। यादव ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा है, 'जिस विचारधारा के लोगों ने गांधीजी की हत्या की, उसी विचारधारा की सरकार ने आज उनकी समाधि और अस्थि कलश को उखड़वा दिया।'
उन्होंने यहां तक कहा कि इस कृत्य के बाद शिवराज को अपने पद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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Source : News Nation Bureau