मेघालय की राजधानी शिलांग के कर्फ्यू प्रभावित क्षेत्रों में रविवार को सात घंटे के लिए ढील दी गई लेकिन प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया।
इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पांच लोगों को हिरासत में भी लिया। ईस्ट खासी जिले में कर्फ्यू अभी भी लगा हुआ है और इसके साथ ही इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी है।
ईस्ट खासी हिल्स जिले के प्रभारी उपायुक्त पीटर एस. दखार ने बताया, 'लुमडिंगजरी पुलिस थाने और कैंटोनमेंट बीट हाउस क्षेत्रों में रविवार को सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई, ताकि इस दौरान लोग अपनी जरूरत का सामान ला सकें।'
इसके अलावा जिले में सभी पेट्रोल पंपों से खुले जेरीकन, बोतलों और अन्य कंटेनरों में पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर भी रोक है। पुलिस इलाके में फ्लैग मार्च कर पर्यटकों को रेस्क्यू कर रही है।
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आपको बता दें कि शनिवार को पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प में एसपी सिटी स्टीफन रिंजा भी घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने उनके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया था। इसके बाद उन्हें शिलांग सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि शिलांग में गुरुवार शाम को पंजाबी लाइन इलाके में रहने वाले लोगों और स्थानीय सरकारी बस ड्राइवर और कंडक्टरों के बीच विवाद हो गया था। इसमें एक कंडक्टर घायल हुआ था।
इस बीच मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने लोगों से शांति बनाए रखने और शिलांग में स्थिति सामान्य बनाने की अपील की। इस बीच खासी छात्र संघ (केएसयू), फेडरेशन ऑफ खासी जयंतिया ऐंड गारो पीपुल (एफकेजेजीपी) और हनीट्रेप यूथ काउंसिल ने स्थानीय लड़कों के साथ मारपीट में शामिल लोगों को सजा दिलाने और थेम मेटोर में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने की मांग की।
वहीं हिंसाग्रस्त इलाके से करीब 200 महिलाएं और बच्चे समेत 300 से ज्यादा नागरिक पनाह लेने के लिए आर्मी केंटोनमेंट एरिया पहुंचे, जिन्हें बाद में गैरिसन ग्राउंड स्थित रिनो ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया जहां आर्मी द्वारा उन्हें भोजन, पानी और कंबल दिए जा रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau