मेघालय (Meghalaya) के गवर्नर सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने बीते दिनों गोवा में बीजेपी सरकार (BJP Government) पर कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान भ्रष्टाचार हुआ. जिसके बाद सत्यपाल मलिक की काफी आलोचना हुई थी. अब रविवार 7 अक्टूबर को मलिक ने अपने आलोचकों पर निशाना साधा है. आपको बता दें कि मलिक ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं किसानों के मुद्दे पर कुछ कहूंगा तो विवाद बन जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता लेकिन मेरे कुछ शुभचिंतक चाहते हैं कि मैं कुछ कहूं और हटूं.
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आपको बता दें कि गवर्नर सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि कुछ लोग फेसबुक पर लिख देते हैं कि राज्यपाल साहब अगर इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते. उन्होंने उनको जवाब देते हुए कहा कि मुझे आपके पिताजी ने राज्यपाल नहीं बनाया था और न मैं वोट से बना था. मुझे दिल्ली में दो-तीन बड़े लोगों ने राज्यपाल बनाया था और मैं उनकी ही इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं. जब वो मुझसे कह देंगे कि हमें दिक्कत है छोड़ दो, तब मैं (इस्तीफा देने में) एक मिनट भी नहीं लगाऊंगा.
इससे पहले हाल ही में उन्होंने गोवा में कहा था कि गोवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के कारण ही मेरा तबादला मेघालय किया गया था. उस वक्त मलिक ने इस मामले में प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की थी. इतना ही नहीं उन्होंने एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि गोवा से उनको इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला दिया था.
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इससे पहले सत्यपाल मलिक ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री को कहा था कि किसानों के साथ दो काम मत करना, एक तो बल प्रयोग और दूसरा इन्हें खाली हाथ मत भेजना यह 300 साल तक नहीं भूलते 600 लोग मारे गए, लेकिन दिल्ली से एक भी चिट्ठी नहीं आई जबकि कुत्ता भी मरता है तो शोक संदेश आ जाता है.