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नजरबंदी में भी महबूबा मुफ्ती की हेकड़ी है कायम, अब लगाया झूठ बोलने का आरोप

उन्होंने कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद सेना की भारी तैनाती पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने राजनीतिक फायदे (Political Gain) के लिए सेना और सुरक्षा बलों के इस्तेमाल का आरोप भी केंद्र सरकार पर मढ़ा.

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Nihar Saxena
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नजरबंदी में भी महबूबा मुफ्ती की हेकड़ी है कायम, अब लगाया झूठ बोलने का आरोप

पीडीपी नेता ने केंद्र पर मढ़े कई आरोप.( Photo Credit : एजेंसी)

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत पर झूठ बोलने का आरोप प्रशासन पर मढ़ा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर (Kashmir) की स्थिति को बयान करता प्रशासन का हर एक बयान सिर्फ और सिर्फ झूठ ही है. यही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि सद्भावना बतौर रिहा किए गए नेता वास्तव में कभी गिरफ्तार थे ही नहीं. इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर सेना के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप भी लगाया.

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सेना की भारी तैनात पर उठाया सवाल
इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद सेना की भारी तैनाती पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने राजनीतिक फायदे (Political Gain) के लिए सेना और सुरक्षा बलों के इस्तेमाल का आरोप भी केंद्र सरकार पर मढ़ा. महबूबा मुफ्ती की यह बयान ऐसे समय आया है जब ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDA) का चुनाव होने वाले हैं. स्थानीय स्तर पर नजरबंद नेताओं ने इस चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है. दूसरी तरफ कुछ हलकों में इस चुनाव को उम्मीद भरी नजरों से भी देखा जा रहा है.

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मोदी सरकार पर बोला बड़ा हमला
इसके बावजूद महबूबा मुफ्ती का केंद्र सरकार (Centre) पर हमला लगातार जारी है. उन्होंने केंद्र को कठघरे में खड़ा करते हुए आगे कहा, 'समानता (Equality) और आजादी (Liberty) के लिए लोकप्रिय भारतीय लोकतंत्र पर आज सवालिया निशान लग चुका है. सरकारें आती और जाती हैं, लेकिन देश के साथ और नैतिक ताने-बाने को जो नुकसान पहुंचाया गया है उसकी भरपाई कौन करेगा.' गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में बीडीए के चुनाव होने हैं. राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे दो केंद्र शासित (Union Territories) राज्यों में बांटने के बाद बीडीए चुनाव के रूप में पहली लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.

HIGHLIGHTS

  • जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर प्रशासन पर लगाया झूठ बोलने का आरोप.
  • सेना की भारी तैनाती को राजनीतिक फायदे बतौर इस्तेमाल करने की बात कही.
  • कहा-सद्भावना बतौर रिहा किए गए नेता वास्तव में कभी गिरफ्तार थे ही नहीं.
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