भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक मेहुल चोकसी(Mehul Choksi) को स्वदेश नहीं लाया गया है. भारतीय जांच एजेंसियां चोकसी को लाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. इस बीच पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी(Mehul Choksi) को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है.
पंजाब एंड सिंध बैंक (PSB) ने शनिवार को खुलासा किया कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी(Mehul Choksi) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 44.1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. बैंक ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने लोन लिया था. लेकिन लोन अमाउंट नहीं चुकाया गया. 31 मार्च, 2018 को उसे नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए में डाल दिया गया.
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पीएसबी ने चोकसी को लोन अमाउंट तथा इंट्रेस्ट और अन्य शुल्कों का 23 अक्टूबर, 2018 को भुगतान करने के लिए कहा था. लेकिन जब लोन का भुगतान नहीं किया गया तो 17 सितंबर, 2019 को पीएसबी ने चोकसी को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया.
गौरतलब है कि चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी साल भर पहले देश छोड़कर भाग गए थे. दोनों 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं. चोकसी को एंटिगुआ और बारबूडा ने इस साल के प्रारंभ में नागरिकता दे दी थी.
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वहीं जांच एजेंसियां पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मेहुल चोकसी(Mehul Choksi) को वापस स्वदेश लाया जा सके. गुरुवार को सीबीआई ने अदालत से मेहुल चोकसी(Mehul Choksi) को पीएनबी घोटाले में भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था. चोकसी गैरजमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) का जवाब देने में विफल रहा है, इसके चलते उसे भगोड़ा घोषित करने और उसकी संपत्ति को अटैच किए जाने की इजाजत सीबीआई ने कोर्ट से मांगा है.
(IANS इनपुट के साथ)