सुप्रीम कोर्ट के बाद अब 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले संसद में राम मंदिर का मुद्दा गरमाने की तैयारी हो चुकी है. संसद के शीतकालीन यानी मानसून सत्र में प्राइवेट बिल के रूप में सांसद राकेश सिन्हा इसे पेश करने वाले हैं. उन्होंने बाकायदा इसका ऐलान कर दिया है. उन्होंने विपक्षी नेताओं खासकर राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, सीताराम येचुरी, बसपा सुप्रीमो मायावती और अन्य नेताओं को अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए चुनौती दी है. इस बारे में राकेश सिन्हा ने गुरुवार सुबह कई ट्वीट भी किए.
How many days SC took to give verdict on Article 377, Jallikattu, Sabarimala ?But Ayodhya is not in priority for decades and decades . It is a top priority of Hindu society .
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
राकेश सिन्हा ने कहा, बहुत पूछते थे राम मंदिर की तारीख
गुरुवार सुबह बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा के कुछ ट्वीट्स ने देश का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया. उन्होंने ट्वीट किया, 'जो लोग बीजेपी और संघ को उकसाते हैं कि राम मंदिर निर्माण की तारीख बताएं, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का.' उन्होंने इस ट्वीट में राहुल गांधी, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और चंद्रबाबू नायडू को इस ट्वीट में टैग भी किया.
Will @RahulGandhi @SitaramYechury @laluprasadrjd Mayawati ji support Private member bill on Ayodhya? They frequently ask the date ‘तारीख़ नही बताएँगे ‘ to @RSSorg @BJP4India ,now onus on them to answer
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
दूसरे ट्वीट में सिन्हा ने लिखा, 'धारा 377, जलिकट्टू और सबरीमाला पर फैसला देने में सुप्रीम कोर्ट ने कितने दिन लगाए? लेकिन दशकों दशक से अयोध्या प्राथमिकता में नहीं है. यह हिंदू समाज के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता में है.' अगले ट्वीट में फिर उन्होंने राहुल गांधी, येचुरी और लालू को टैग करने के साथ मायावती का जिक्र करते हुए लिखा कि जो तारीख पूछते थे अब उनपर जिम्मेदारी है कि बताएं बिल का समर्थन करेंगे या नहीं?
जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
जानें, क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?
संसद में आम तौर पर सरकार के मंत्री विधेयक पेश करते हैं, लेकिन मंत्रियों के अलावा अन्य सदस्यों को भी व्यक्तिगत रूप से विधेयक लाने का अधिकार है. हालांकि इन विधेयकों को संसद की प्रक्रिया में लाना स्पीकर या चेयरमैन का विशेषाधिकार होता है. इसके अलावा सरकार का रुख भी इसको लेकर बहुत मायने रखता है. लोकसभा और राज्यसभा में हर शुक्रवार को दोपहर बाद का समय निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) पेश करने के लिए तय है.
सुप्रीम कोर्ट ने अगले साल तक के लिए टाल दी थी सुनवाई
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल दी थी. इसके बाद हिंदू संगठनों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार राम मंदिर पर अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जाने लगा है. बीजेपी सरकार पर इस समय इसे लेकर बहुत दबाव है.