अब इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति नहीं दिखाई देगी. वॉर मेमोरिलय की लौ में अमर जवान ज्योति का विलय कर दिया गया है. पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर भारत ने इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला लिया है. अमर जवान ज्योति को जलने के साथ इंडिया गेट से राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल में विलय कर दिया गया है. इस दौरान मशाल की लौ को बुझने नहीं दिया गया है.
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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अभी तक के युद्ध और सभी सैन्य ऑपरेशन्स में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित किए गए हैं. आपको बता दें कि इंडिया गेट पर 1972 में अमर जवान ज्योति का निर्माण किया गया था. इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था. इस वॉर के 50 साल पूरे होने पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट कर दिया गया है.
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के अस्तित्व में आने के बाद दो साल पहले अमर जवान ज्योति के अस्तित्व पर सवाल उठाया गया था. यह इसलिए, क्योंकि सवाल उठाए जा रहे थे कि अब जब देश के शहीदों के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे. हालांकि, पहले भारतीय सेना ने कहा था कि अमर जवान ज्योति जारी रहेगी, क्योंकि यह देश के इतिहास का एक अविभाज्य हिस्सा है.
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तीनों सेनाओं के प्रमुख और आने वाले प्रतिनिधि अमर जवान ज्योति पर जाकर अपना सिर झुकाते थे और शहीदों का सम्मान करते रहे हैं. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे सभी महत्वपूर्ण दिनों में भी तीनों सेनाओं के प्रमुख अमर जवान ज्योति पर उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- अब इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति नहीं दिखाई देगी
- 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने पर लौ का किया गया विलय
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित हैं