केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उनके इस्तीफ़े की मांग की है. रामदास अठावले ने कहा कि अगर एमजे अकबर के खिलाफ लगे यौन दुराचार के आरोप सच साबित होते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
अठावले ने कहा, 'अगर किसी पर कोई आरोप लगा है तो उसकी जांच होनी चाहिए. #MeToo के ज़रिए कई लोगों पर आरोप लग रहे हैं, कुछ दोषी भी पाए जाएंगे लेकिन मुझे लगता है कि इसकी संपूर्ण पूछताछ होनी चाहिए. हालांकि यह अभिनेता और नेता की छवि बिगाड़ने की भी कोशिश हो सकती है.'
एक संवाददाता सम्मेलन मेंउन्होंने यह भी चेताया कि #MeToo अभियान को निराधार आरोप लगाने का मंच न बना लिया जाए. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अठावले ने कहा कि अगर अकबर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें केंद्रीय मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा, अगर कोई महिला का अपमान कर रहा है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. अगर एमजे अकबर एवं नाना पाटेकर जैसी हस्तियां भी दोषी पाई जाएं जो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.'
मंत्री ने कहा, 'अगर कोई दोषी है, तो उस व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन मुझे ऐसी आशंका है कि इस मंच का इस्तेमाल किसी को झूठे मामले में फंसाने के लिए भी किया जा सकता है. पुलिस को ऐसे आरोपों की पुष्टि करनी चाहिए.'
जहां पाटेकर पर अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 की एक फिल्म शूटिंग के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया वहीं पिछले कुछ दिनों में कई महिलाएं अकबर के पत्रकार रहने के दौरान उनके द्वारा किए गए कथित यौन उत्पीड़न के मामलों के साथ सामने आई हैं.
और पढ़ें- तेल कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे पीएम मोदी, क्या पेट्रोल-डीजल की क़ीमत पर लगेगी लगाम?
इन आरोपों के इतने सालों बाद सामने आने के प्रश्न पर अठावले ने कहा कि अगर सही से जांच की जाए तो अभी भी सबूत मिल सकते हैं. रिपबल्किन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के नेता ने कहा कि 'मी टू' अभियान के तहत लगाए गए सभी आरोप गंभीर प्रकृति के नहीं है, बल्कि वह अनुचित स्पर्श एवं दुर्व्यवहार से ज्यादा संबंधित हैं.
Source : News Nation Bureau