पूर्व संपादक एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने विदेश राज्य मंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद बुधवार को खुशी जाहिर की. अकबर के खिलाफ सबसे पहले आरोप लगाने वाली और मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहीं पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर के इस्तीफे के बाद कहा, 'उनके रुख की पुष्टि हुई.'
रमानी ने ट्वीट किया, 'एक महिला के तौर पर, एमजे अकबर के इस्तीफे से हम सही साबित हुए हैं. मैं उस दिन की ओर देख रही हूं, जब मुझे अदालत से भी न्याय मिलेगा.'
कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है और इन आरोपों को समाज में उनकी छवि को धूमिल करने वाला करार दिया है.
पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर 'उनकी ब्रा की स्ट्रेप खींचने का आरोप लगाया है.' सुपर्णा ने कहा है कि उनके इस्तीफे से ही लड़ाई समाप्त नहीं हुई है.
शर्मा ने रविवार को अकबर के बयान के संदर्भ में कहा, 'अकबर को बयान देने के बदले भारत पहुंचते ही तत्काल इस्तीफा देना चाहिए था.'
उन्होंने कहा, 'जब उन्होंने बयान जारी किया था, ऐसा लगता था कि यह प्रिया रमानी बनाम सरकार है, अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए यह अकबर बनाम प्रिया रमानी है.'
उन्होंने साथ ही कहा कि पूर्व मंत्री को रमानी के खिलाफ मानहानि के मामले को वापस ले लेना चाहिए.
अकबर को 'हिंसक' करार देने वाली पत्रकार सबा नकवी ने कहा, "महाअष्टमी पर देवी दुर्गा ने राक्षस का खात्मा किया, एमजेअकबर गए.."
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आरोप लगाने वाली एक अन्य महिला पत्रकार हरिंदर बावेजा ने आश्चर्य जताया कि क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपन चुप्पी तोड़ेंगे.
Source : IANS