एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा वापस लेकर शिष्टता दिखाएंगे. प्रिया रमानी एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहली महिला पत्रकार हैं. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया.
गिल्ड ने प्रख्यात वकीलों से आग्रह किया कि अगर पूर्व संपादक मानहानि का मुकदमा वापस नहीं लेते हैं और ऐसे मुकदमा करते हैं तो वे (वकील) बिना किसी शुल्क के उनका (पीड़ित महिला) प्रतिनिधित्व करें.
गिल्ड ने कहा कि वह उन महिला पत्रकारों को सलाम करता है जिन्होंने अपने यौन उत्पीड़न के मामले को प्रकाश में लाने का साहस दिखाया.
गिल्ड ने कहा कि समाचार-कक्ष में लैंगिक समानता के उच्च आदर्श के लिए संघर्ष करने वाली इन महिला पत्रकारों के साहस का ही नतीजा है कि अकबर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देना पड़ा.
बयान में गिल्ड ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि अकबर एक शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा वापस लेने की शिष्टता दिखाएंगे.'
गिल्ड ने कहा, 'अकबर एक नागरिक के पास सफाई देने के लिए उपलब्ध सारे कानूनी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने को अधिकृत हैं लेकिन आपराधिक मानहानि का मुकदमा करना एक प्रख्यात संपादक के लिए लोकसम्मत नहीं होगा, जोकि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के भी पूर्व अध्यक्ष हैं.'
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अकबर ने कई महिला पत्रकारों द्वारा उनपर यौन-उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद बुधवार को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
Source : IANS