सोशल मीडिया पर कई महिला पत्रकारों की आपबीती वायरल होने के बाद यौन शोषण के आरोपो से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अब कोर्ट की शरण ली है. अकबर ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक महिला पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
सामाजिक , राजनीतिक प्रतिष्ठा का दिया हवाला
पटियाला हाउस कोर्ट में दायर याचिका मेंएमजे अकबर ने अपने पत्रकारिता के लंबे अनुभव और राजनीतिक करियर का उल्लेख किया है. अकबर ने कहा है कि उनकी एक अपनी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा है, वो राज्य सभा सदस्य है. फिलहाल केंद्रीय विदेश राज्य मन्त्री है. उनका पत्रकारिता का बड़ा अनुभव रहा है और उन्होंने कई ख्याति प्राप्त पुस्तके लिखी है. इस तरह के आरोपों से उनकी सालों की मेहनत के बाद बनाई गई समाजिक / राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.
एजेण्डे के तहत राजनीतिक प्रतिष्ठा को धुमिल करने की कोशिश
एमजे अकबर ने अपनी शिकायत में कहा है कि महिला पत्रकार की ओर से झूठे, मनगढंत , बेबुनियाद आरोप लगाए है. इन आरोपों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ट्विटर , और ऑनलाईन न्यूज़ पोर्टल के तहत फैलाया गया है.ये आरोप एक एजेंडे के तहत, निहित स्वार्थों के तहत उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान करने के मकसद से लगाये है.ये आरोप बीस साल पुरानी घटना से जोड़कर लगाए गए है.अगर मैंने वाकई कुछ किया होता , तो वो उनकी शिकायत ऑथोरिटी के पास की होती . साफ है कि ये आरोप काल्पनिक है और महज उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से लगाये गए है. इस तरह कर आरोप से न केवल उनकी सालों की मेहनत के बाद बनाई गई समाजिक / राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, बल्कि उनके परिवार, नजदीकी मित्रों और उनके व्यक्तिगत जीवन पर भी गहरा असर हुआ है.इन आरोपों के सामने आने के बाद उनके पास उनके राजनीतिक और मीडिया पृष्टभूमि से जुड़े मित्रो के फोन आ रहे है, जाहिर है उनकी प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है.
कोर्ट से मांग
एमजे अकबर ने अपनी शिकायत में कहा है कि अदालत उनकी याचिका का संज्ञान ले और आईपीसी की धारा 499 के तहत महिला पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई करे.
Source : Arvind Singh