#MeToo के तहत मीडिया जगत की तमाम हस्तियों समेत अन्य कई लोगों पर लग रहे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की मांग के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने ठुकरा दी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ऐसे मामलों की जांच के लिए रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था.
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#MeToo मुहिम के तहत यौन उत्पीड़न में सबसे चौंकाने वाला नाम एमजे अकबर का है. कभी दिग्गज पत्रकार रहे एमजे अकबर मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री रहते यौन उत्पीड़न के केस में फंसे. उन पर 16 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफ दे दिया.
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केंद्रीय कैबिनेट ने मेनका गांधी के इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए जजों से जांच की बात ठुकरा दी है. सुत्रों के अनुसार अब इसके स्थान पर सरकार मंत्रियों का समूह बनाने पर विचार कर रही है. इसका मतलब ये है कि जांच कराने के लिए अब सरकार मंत्रियों के समूह का सहारा लेगी. मंत्रियों के समूह की कमान किसी महिला मंत्री को देने पर बात चल रही है. गौरतलब है कि मेनका गांधी मी टू मामलों को लेकर काफी गंभीर रहीं हैं.
सूत्रों की मानें तो सरकार मंत्रियों के समूह के जरिए कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने से जुड़े कानूनों की कमियों को दूर करना चाहती है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने #MeToo अभियान में सामने आये यौन उत्पीड़न के आरोपों और मुद्दों को देखने के लिए शुक्रवार को रिटायर्ड जज की अगुवाई में विधि विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने की घोषणा की थी. बता दें #MeToo अभियान के तहत तमाम लड़कियां और महिलाएं अतीत में अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं को सोशल मीडिया पर साझा कर रहीं हैं.
Source : News Nation Bureau