कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय (MHA) ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदरों, छात्रों की घर वापसी के लिए ट्रेल चलाने की अनुमति दे दी है. इसे लेकर एमएचए ने रेलवे को मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय ने ट्रेन के जरिये भी फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए निर्देश दिया है. राज्य सरकारें और रेल मंत्रालय यह आवाजाही सुनिश्चित करेंगे.
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गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि लॉक डाउन में फसे लोगों, मजदूरों और छात्रों के लिए रेलवे की व्यवस्था भी की जाएगी. लॉकडाउन के दौरान 781 टन जरूरी समान हवाई जहाज से पहुंचाया गया है. एमएचए ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि टैक चाहे लोडेड या खाली ही क्यों ना हो उसके लिए अलग से पास की जरूरी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि करोना वायरस से जंग में अर्धसैनिक बल साथ दे रहा है. कोरोना के मरीजों के लिए 32 हॉस्पिटल में 1900 बेड भी तैयार किए गए हैं.
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि रेल मंत्रालय ने 13 लाख वैगन से अधिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है. ट्रक और सामान ढोने की आवाजाही में वृद्धि हो रही है. आर्थिक गतिविधियों के लिए यह जरूरी है कि राज्यों की सीमा पर ट्रकों को न रोका जाए. अभी कई राज्यों में ऐसी समस्या आ रही है. गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रक और मालवाहक वाहनों को किसी पास की जरूरत नहीं है. चाहे वो भरे हों या खाली हों.
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गृह मंत्रालय ने कहा कि सीआरपीएफ ने दिल्ली से दंतेवाड़ा तक मदद की है. रायपुर में एक लाख किलो चावल दिए हैं, टैली मडिसन, नेपाली नागरिकों की मदद की है. CISF ने हवाई अड्डों में स्क्रिनिंग में कार्य किया है. बीएसफ ने पूर्वी सीमाओं पर 300 गावों में लोगों की मदद की है. पाकिस्तान सीमा पर किसानों की मदद की है. आईटीबीपी ने भी पहाड़ी क्षेत्रों में मदद की है. एनएसजी, असम राइफल और एनडीआरएफ के जवान भी करोना जंग में साथ दे रहे हैं.