गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दिल्ली सरकार द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीदारी की जांच के लिए सीबीआई से सिफारिश की है।
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को 16 अगस्त को लिखे पत्र के अनुसार गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (यूटी) गोविंद मोहन ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के लिए एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
पत्र में कहा गया है, इस मंत्रालय में मामले की जांच की गई है और सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
दिल्ली भाजपा इकाई ने जून में दिल्ली प्रशासन द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। इसने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और दिल्ली परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक विजय बिधूड़ी के इस्तीफे की भी मांग की थी।
भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने खरीद और रखरखाव कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों में अनियमितता का आरोप लगाने के बाद जांच समिति के लिए उपराज्यपाल से संपर्क किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि जनवरी 2021 में दिल्ली सरकार ने 890 करोड़ रुपये की लागत वाली 1,000 लो-फ्लोर बसों का वर्क ऑर्डर दिया था। उन्होंने खरीद के आदेश के साथ ही बसों के वार्षिक रखरखाव के लिए प्रति वर्ष 350 करोड़ रुपये का टेंडर भी निकाला। उन्होंने कहा कि यह भी उसी बस सप्लायर्स को सौंप दिया गया था।
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Source : IANS