केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों में मिड डे मील के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है। जिन बच्चों के पास आधार नंबर नहीं हैं, उन्हें 30 जून तक आधार बनवाने के लिए कहा गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय बच्चों के साथ-साथ मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों के लिए भी आधार अनिवार्य कर दिया है।
मंत्रालय ने कहा, 'जिन बच्चों के पास आधार नहीं हैं, उन्हें आधार बनाना होगा। इसके लिए राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे आधार पंजीकरण के लिए ऐसे बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराएं। जब तक बच्चों का आधार पंजीकरण नहीं हो जाता तब तक वे अन्य पहचान पत्र दिखाकर भोजन पा सकते हैं। सिर्फ अभिभावक को यह शपथ पत्र देना होगा कि बच्चा किसी अन्य स्कूल से यह सुविधा नहीं ले रहा है।'
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के हिस्से के तहत मिड-डे मील बच्चों को स्कूलों में दिया जाता है। कक्षा पहली से आठवीं में अध्ययन करने वाले छह साल से 14 साल आयुवर्ग के विद्यार्थियों को गर्म मिड-डे मील दिया जाता है।
प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को 450 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन क्षमता से युक्त गर्म-पका खाना और उच्चतर प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी व 20 ग्राम प्रोटीन क्षमता से युक्त गर्म-पका मिड-डे मील दिया जाता है।
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Source : News Nation Bureau