Advertisment

बीटिंग रिट्रीट में मिलिटरी बैंड्स ने मोहा सबका मन

संसद के पास विजय चौक पर 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी आयोजित की जा रही है। इस दौरान मिलिटरी बैंड 26 धुनों को पेश कर रहा है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
बीटिंग रिट्रीट में मिलिटरी बैंड्स ने मोहा सबका मन
Advertisment

संसद के पास विजय चौक पर 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी आयोजित की जा रही है। इस दौरान मिलिटरी बैंड 26 धुनों को पेश कर रहा है। 

मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस कार्यक्रम में नेवी, सेना, और वायुसेना के बैंड के साथ ही सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और राज्य पुलिस हिस्सा ले रहे हैं।

26 धुनों में से 25 धुनों की रचना भारतीय संगीतकारों ने की है और सिर्फ एक धुन 'अबाइड विद मी' ऐसी है जिसे पश्चिमी संगीतकार ने रचा है।

18 मिलिटरी बैंड, रेजिमेंटल सेंटर्स और बटालियनों से 15 पाइप्स और ड्रम्स बैंड्स इस बार इसमें हिस्सा ले रहे हैं। 

सेरेमनी में मेजर अशोक कुमार मुख्य संचालक हैं। सेना के मिलिटरी बैंड संचालक सूबेदार मेजर एसके शर्मा और नेवी और वायुसेना के बैंड संचालक क्रमशः मास्टर पेटी ऑफिसर (म्यूज़ीशियन-1) रमेश चंद और जूनियर वॉरंट ऑफिसर अशोक कुमार हैं।   

राज्य पुलिस और सीएपीएफ के संचालक कॉन्स्टेबल भीम सिंह हैं। बिगुल बजाने वाले सूबेदार जगदीश गिरि के संचालन में परफॉर्म करेंगे। वहीं पाइप्स को नम बहादुर गुरुंग के संचालन में प्रदर्शित किया गया।

और पढ़ें: बेटे की चाहत से लेकर जीएसटी तक, आर्थिक सर्वेक्षण की 10 बड़ी बातें

बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की एक बहुत पुरानी परंपरा है जिसे सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है। भारत में इसकी शुरुआत 1950 से हुई। हालांकि दो बार इसका आयोजन नहीं हो पाया था। 

इस कार्यक्रम को पहली बार 26 जनवरी 2001 में गुजरात में आए भूकंप से हुई त्रासदी के कारण रोका गया था। 27 जनवरी 2009 को दूसरी बार ऐसा करना पड़ा जब देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमण का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। 

और पढ़ें: HC ने अयोग्य घोषित हुए आप विधायकों का मामला डिवीज़न बेंच को सौंपा

Source : News Nation Bureau

republic-day Beating retreat Beating retreat ceremony Vijay Chowk Sare Jahan se Acha
Advertisment
Advertisment