पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम इमरान खान (PM Imran Khan) ने जेनेवा में ग्लोबल फोरम ऑन रिफ्यूजीज (Global Forum on Refugees) को संबोधित करते हुए ऐसी बात कही, जो भारत (India) को बेहद नागवार गुजरी है. भारत ने इमरान खान (Imran Khan) के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उसकी जमकर मजम्मत की है. इमरान खान ने जेनेवा में ग्लोबल फोरम ऑन रिफ्यूजीज को संबोधित करते हुए कहा था, कश्मीर (Kashmir) में कर्फ्यू और भारत के नए नागरिकता कानून (CAA) के कारण लाखों मुस्लिम (Muslims) भारत से पलायन कर सकते हैं. इससे दुनिया भर में शरणार्थी संकट (Refugee crisis) बढ़ेगा और उसके आगे अन्य सभी संकट कम पड़ जाएंगे.
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इमरान खान के इस बयान के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के पूर्ण रूप से आंतरिक मामले पर निराधार व बेबुनियाद बयान देकर अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडा को बढ़ाने के लिए बहुपक्षीय मंच पर झूठ का सहारा लिया. पूरी दुनिया को स्पष्ट किया जाता है कि यह इमरान खान और पाकिस्तानी हुक्मरानों की पुरानी आदत है. इमरान खान ने वैश्विक मंचों का दुरुपयोग किया है.
कुमार ने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान बीते 72 साल से लगातार सभी अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करता आ रहा है और उनमें से अधिकांश लोगों को भागकर भारत आने को मजबूर होना पड़ा है.
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रवीश कुमार ने यह भी कहा, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान दुनिया को यह बताना भूल जाते हैं कि 1971 में उनकी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के लोगों के साथ क्या किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.
Source : आईएएनएस