हरियाणा मंत्री अनिल विज ने किसानों के आंदोलन पर बड़ा बयान दिया हैं. उन्होंने कहा कि किसान तीन कृषि कानून पर आंदोलन नहीं कर रहे हैं. अनिल विज ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री हमेशा बातचीत के लिए तैयार रहते हैं, वे 11-12 बार मिल भी चुके हैं लेकिन किसान नेता कानूनों में अपनी आपत्ति नहीं बता सके. यह स्वयं स्पष्ट करता है कि यह 3 कानूनों के बारे में नहीं है बल्कि कुछ छिपा हुआ एजेंडा है. बता दें किसान नेता इन दिनों हरियाणा में आंदोलन को धार देने के लिए डेरा जमाए हुए हैं.
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किसान नेता कानून को लेकर अपनी आपत्तियों के बारे में नहीं बात कर रहे हैं
'किसान नेता कानून को लेकर अपनी आपत्तियों के बारे में नहीं बात कर रहे हैं. इससे साफ होता है कि यह आंदोलन 3 कृषि कानूनों को लेकर नहीं है बल्कि इसके पीछे इनका कोई एजेंडा छिपा हुआ है.' इससे पहले भी अनिल विज ने कहा था कि 'जब कभी किसान बातचीत करना चाहते हैं, देश की सरकार बातचीत के लिए तैयार रहेगी. लेकिन हमने उनसे बार-बार पूछा है कि वो तर्क के साथ बताएं कि कानून को लेकर उनकी समस्या क्या है? हम सुनेंगे और और एक हल निकालेंगे.'
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ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत से मुलाकात की थी
आपको बता दें कि किसानों के जारी आंदोलन के बीच बुधवार को ममता बनर्जी ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि उनके प्रदर्शन को उनका समर्थन जारी रहेगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी किसानों को समर्थन देने की बात कहते आए हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि कई प्रदर्शनकारियों की प्रदर्शन स्थल पर मौत हो चुकी है फिर भी किसानों का आदंलोन जारी है.
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HIGHLIGHTS
- अनिल विज का किसान आंदोलन पर हमला
- किसान नेता नहीं बता पाए चाहते क्या हैं
- साफ है कि कुछ छिपा अजेंडा है