प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को प्रवासी भारतीय केंद्र में मंत्रियों से छह महीने के काम का हिसाब लेंगे. काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स (Council of Ministers) की इस बैठक के लिए सचिवों की ओर से तैयार रिपोर्ट कार्ड एक दिन पहले शुक्रवार को ही पीएमओ (PMO) ने मंगा लिया था. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में मिशन 2022 (Mission 2022) को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति जानने में खास जोर होगा. सूत्रों ने बताया कि इस समीक्षा बैठक के लिए मंत्रालयों को कई समूहों में बांटा गया है. आठ से दस मंत्रालयों का एक समूह बनाया गया है. हर समूह में शामिल मंत्रालयों का बारी-बारी से प्रजेंटेशन होगा. सुबह साढ़े दस बजे से प्रधानमंत्री (Prime Ministers) द्वारा समीक्षा शुरू होगी.
यह भी पढ़ें : 1987 से पहले आपका जन्म भारत में हुआ है तो आपको NRC से डरने की जरूरत नहीं, गृह मंत्रालय ने मांगे सुझाव
दूसरी बार सरकार बनने के बाद 13 जून को भी इसी तरह की बैठक हुई थी. उस वक्त मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने, हर घर नल का जल, आवासीय योजनाओं आदि की कड़ी समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि 2022 को लक्ष्य बनाकर जो योजनाएं शुरू की गई हैं, उनकी रफ्तार तेज रहनी चाहिए.
खास बात है कि इस बैठक में भाजपा और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भी रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक का मकसद मंत्रियों के काम का आंकलन कर आगे मंत्रिपरिषद के संभावित विस्तार और फेरबदल के लिए निर्णय लेना है.
यह भी पढ़ें : सेना को सोची समझी साजिश के तहत कमजोर करने और बांटने की कोशिश, पाकिस्तानी मंत्री बोले
इस वक्त मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं. नियम है कि लोकसभा की कुल संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 81 मंत्री हो सकते हैं. पिछली सरकार में 70 मंत्री थे. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कम से कम एक दर्जन मंत्रियों की जगह खाली है. राजग के सहयोगी दल मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं. विस्तार होने पर मंत्रिमंडल में बिहार से जद-यू, उत्तर प्रदेश से अपना दल, तमिलनाडु से अन्ना द्रमुक को भी जगह मिल सकती है.
Source : आईएएनएस