भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से फैल रहा है. हालांकि बाकी देशों के मुकाबले हमारी स्थिति बेहतर है. आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि भारत बहुत बड़ा देश है और बीमारी का प्रसार बहुत कम है. निश्चित रूप से भारत कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति में नहीं है.
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में है जिनमें प्रति लाख जनसंख्या पर पॉजिटिव मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है. इसके साथ-साथ प्रति लाख जनसंख्या पर वायरस से मरने वालों की संख्या भी भारत में दूसरे देशों की तुलना में काफी कम है.
रिकवरी रेट 49.21 प्रतिशत है
वहीं रिकवरी रेट को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि आज देश का रिकवरी रेट 49.21% है. अब देश में रिकवर हो चुके लोगों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से ज्यादा है. 11 जून तक हमारे देश में 1,41,028 लोग रिकवर हो चुके हैं.
इसे भी पढ़ें: राज्यसभा चुनावों में सियासी घमासान- कांग्रेस का आरोप, बड़ी रकम प्रदेश में आई, BJP का पलटवार सबूत लाओ
तुलना उसी देश से करनी चाहिए जिसकी जनसंख्या हमारे देश के लगभग समान है
बाकी देशों के मुकाबले भारत की स्थिति पर लव अग्रवाल ने कहा कि हमें तुलना उसी देश से करनी चाहिए जिसकी जनसंख्या हमारे देश के लगभग समान है. जिन देशों की जनसंख्या हमारे देश के अनुपात में काफी कम है उनके साथ हम तुलना नहीं कर सकते.
83 जिलों के सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन कामयाब रहा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 83 जिलों में सर्वे किया गया. इस सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन कामयाब रहा है. 24 हजार लोगों पर सर्वे किया गया था. कई जिलों में कोरोना से मृत्यु दर बहुत ही कम है. हालांकि सभी को मास्क लगाना, हाथ धोना और सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखना जरूरी है.
और पढ़ें: कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही उत्तराखंड सरकार ने लिया बड़ा फैसला, करेगी खर्चों में कटौती
उन्होंने बताया कि 850 लैब में टेस्ट हो रहे हैं. 1.5 लाख टेस्ट रोज हो रहे हैं. हमारी क्षमता 2 लाख टेस्ट करने की है. अब तक 50 लाख टेस्ट हो चुके हैं.
राज्य अपने कॉल सेंटर से लोगों की मदद करें
लव अग्रवाल ने आगे बताया हमने राज्यों से कहा कि अपने कॉल सेंटर से लोगों की मदद करें. बेड के आंकड़े जनता के बीच रखे. रेलवे कोच तैयार है. राज्यों की जरूरत के आधार पर उसका प्रयोग हो सकता है.हम अपने संसाधनों और सूचनाओं को आधार पर डेथ ऑडिट करते है. हमने अपने आकड़े राज्य सरकारों से लेते है.
Source : News Nation Bureau