नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर पूरा देश जल रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है. इस कानून को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा कि लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन इस कानून को कैसे लागू करना है हमे पता है.
कुछ राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने से इंकार कर दिया है. इस पर गृह मंत्रालय (MHA) के सूत्रों के मुताबिक कहा गया है कि कानून को लागू करने का अधिकार केंद्र के पास है. हम इसे अंतिम रूप देंगे जिसमें सब शामिल होंगे. यह डिजिटल और आसान प्रक्रिया होगी ताकि लोगों को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े.
देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर गृहमंत्रालय ने कहा, 'हमने सभी से विचार विमर्श करके यह बिल लाए और इसपर चर्चा हुई. लेकिन उनके पास कोर्ट जाने का अधिकार है. लोगों के पास विरोध करने का अधिकार है. जो लोग सुझाव देना चाहते हैं वे दे सकते हैं, हम नियम बनाने की प्रक्रिया में हैं.
MHA sources on people protesting on roads against CAA: We brought the Bill after we consulted all, there were discussions. But they have the right to go to court & people have right to protest too. Those who want to give suggestions can give, we're in process of framing the rule. https://t.co/6BNAm7CW6q
— ANI (@ANI) December 20, 2019
एनआरसी पर गृहमंत्रालय ने कहा कि इस पर अभी कुछ बोलना उचित नहीं है. समय आने पर इसके बारे में बात की जाएगी.
Ministry of Home Affairs (MHA) sources on implementation or introduction of National Register of Citizens (NRC): It is premature to say anything right now on NRC. pic.twitter.com/Z0qcWRmxFy
— ANI (@ANI) December 20, 2019
इसे भी पढ़ें:CAA Protest: क्या दंगाईयों की संपत्ति जब्त कर सकती है सरकार, जानें कानून
बता दें कि कई राज्य इस कानून के विरोध में हैं. उन्होंने इस कानून को अपने राज्यों में लागू करने से इंकार कर दिया. अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा है कि वो एनआरसी अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे. हालांकि सीएए पर कुछ भी नहीं कहा. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भी सीएए लागू करने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने कहा है कि वे इसे लागू नहीं करेंगे. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं.
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने भी फिलहाल सीएए को लागू करने से इंकार किया है. उनका कहना है कि मामला अभी कोर्ट में है इसलिए इस पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.
क्या राज्य सरकार के पास इस कानून को लागू नहीं करने का अधिकार है. इसपर संविधान क्या कहता है?
इसे भी पढ़ें:भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को पुलिस ने लिया हिरासत में, जामा मस्जिद के बाहर कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
कई संविधान विशेषज्ञों का मत है कि नया कानून पूरी तरह से केंद्र सरकार का विषय है. इस पर राज्य कोई फैसला नहीं दे सकते. जानकारों का कहना है कि भारत का नागरिक कौन होगा यह तय करने का अधिकार केन्द्र सरकार को है न कि राज्यों को. ऐसे में राज्य सरकारों को इस कानून को लागू करना ही पड़ेगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो