1 दिसंबर 2017 से फास्ट टैग डिवाइस गाड़ियों पर लगाना अनिवार्य होगा। इस बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आज नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
सरकार ने नोटिफिकेशन में कहा है, '1 दिसंबर 2017 को और उसके बाद बेचे जाने वाली गाड़ियों पर केंद्र सरकार के आदेशानुसार गाड़ियों के मैन्युफैक्चर्स और डीलर्स द्वारा फास्ट टैग डिवाइस लगाया जाना ज़रुरी होगा।'
क्या है फास्ट टैग?
फास्ट टैग एक डिवाइस है जो रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटीफिकेश तकनीक पर चलती है। इस डिवाइस के ज़रिए टोल पर भुगतान बिना कार/गाड़ी रोके प्रीपेड तरीके से या सेविंग एकाउंट के ज़रिए लिंक करने से अपने आप हो जाएगा।
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इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि किसी भी वाहन के मामले में जो ड्राइव-एवे-चेसिस के रूप में बिना विंडस्क्रीन के बेचे जाते हैं, ऐसे वाहनों पर रजिस्ट्रेशन से पहले फास्टैग लगाए जाएंगे।
नोटिफिकेशन ने बताया कि फास्ट टैग का मतलब है 'ऑन बोर्ड यूनिट' (ट्रांसपोंडर) या वाहन पर सामने वाले विंडस्क्रीन पर लगाया गया उपकरण।
इस टैग को टैग इश्यू करने वाले से खरीदा जा सकता है और इसे प्रीपेड एकाउंट से लिंक करने पर वाहन चालक को समय-समय पर इसे रीचार्ज कराना होगा।
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फिलहाल फास्टटैग देश के नेश्नल हाईवे पर मौजूद 370 टोल प्लाज़ा पर मौजूद है। यह प्रणाली अंतर-संचालित है और उसी प्रकार का फास्टटैग राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम के तहत सभी टोल प्लाजा में इस्तेमाल किया जा सकता है।
Source : News Nation Bureau