दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली दंगो को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगा भड़काने में बीजेपी नेताओं का रोल है. लोगों को हिंसा पर उकसाया गया. दंगा प्लानिंग के और टार्गेट करके किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि 23 फरवरी को कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के बाद दंगा और हिंसा शुरू हुई.
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मुस्लिम समुदाय की प्रॉपर्टी को लूट लिया गया. इबादतगाह धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया. पुलिस के रोल पर भी अल्पसंख्यक आयोग ने सवाल खड़े किए. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की दंगा जांच रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि पुलिस की चार्जशीट काफी नही, ईमानदारी से काम हो.
पुलिस ने दायर किया एफीडेविट
इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में मारे गए लोगों के बारे में दिल्ली पुलिस ने पहली बार धर्म के आधार पर जानकारी दी है. दिल्ली पुलिस की तरफ से यह जानकारी एफिडेविट के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई.
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13 जनवरी को हाईकोर्ट में दिए इस हलफनामें बताया गया कि मरने वाले कुल 52 लोगों में 12 लोग हिंदू थे. वहीं शेष 40 लोग मुस्लिम समुदाय से थे. इन दंगों में दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल रतन लाल की भी जान चली गई थी. रतनलाल की मौत गोली लगने के कारण हुई थी.
Source : News Nation Bureau