प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि शिकायत पर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर विस्तार से बहस हुई. मामले पर लिखित जवाब दोनो पक्षों से मिले हैं. वहीं, फैसला लिखने के लिए और वक्त चाहिए. जहां आज मामले के फैसले को टाल दिया गया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी के लिए स्थगित कर दी है. बता दें कि रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे, जिसके चलते अकबर ने अपनी मानहानि को लेकर 15 अक्तूबर 2018 को यह शिकायत दायर की थी और अपने ऊपर लगे सभी आरोप भी खारिज किए थे.
बता दें कि पिछले कुछ समय पहले देश में #metoo ने रफ्तार पकड़ी थी, जिसके तहत दुर्व्यवहार का शिकार हुई सभी महिलाओं ने अपनी बात खुल कर रखी थी. इसमें कई महिलाओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. मीटू अभियान के दौरान यौन दुराचार का आरोप लगने पर अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
हालांकि, अकबर की तरफ से रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया गया. पत्रकार प्रिया रामानी के खिलाफ मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने राउज एवेंयू कोर्ट में कहा कि रमानी से कभी भी उनकी मुलाकात होटल में नहीं हुई थी. उन्होंने सवाल उठाया कि जब होटल में उनसे मुलाकात ही नहीं हुई तो उनके साथ यौन दुर्व्यवहार का मामला कहां से बनता है?
अकबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे के समक्ष दलील दी जब उनके मुवक्किल की रमानी के साथ होटल में कोई बैठक या मुलाकात ही नहीं हुई तो फिर आगे के सवालों की जरूरत ही नहीं है. उन्होंने कहा कि रमानी ने घटना के संबंध में किसी भी तारीख, होटल रजिस्टर, सीसीटीवी या कार पार्किंग में जाने का जिक्र नहीं किया है. फिर ऐसे में जब कोई सबूत नहीं और बिना साक्ष्यों के आरोप लगाना किसी की भी प्रतिष्ठा नष्ट करना है. ऐसे में रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला बनता है.
HIGHLIGHTS
- रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के मानहानि केस किया हैं
- अब 17 फरवरी को आएगा फैसला
- metoo के तहत लगाए थे रमानी ने आरोप
Source : News Nation Bureau