Advertisment

क्या सही थे पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर लगे MeToo के आरोप? फैसला आज

2017 में, रमानी ने वोग के लिए एक लेख लिखा जहां उन्होंने नौकरी के साक्षात्कार के दौरान पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया. एक साल बाद, उन्होंने खुलासा किया कि लेख में उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एम.जे. अकबर थे.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
MJ Akbar

एमजे अकबर ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

दिल्ली की एक अदालत बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और जानेमाने पत्रकार एम. जे. अकबर द्वारा साथी पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में फैसला सुनाएगी. रमानी पर मानहानि का मामला अकबर पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद दायर किया गया था. 2018 में हैशटैगमीटू मूवमेंट के मद्देनजर, रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसके बाद उन्होंने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया और केंद्रीय मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ट्रायल 2019 में शुरू हुआ और लगभग दो साल तक चला.

2017 में, रमानी ने वोग के लिए एक लेख लिखा जहां उन्होंने नौकरी के साक्षात्कार के दौरान पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया. एक साल बाद, उन्होंने खुलासा किया कि लेख में उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एम.जे. अकबर थे. अकबर ने अदालत को बताया कि रमानी के आरोप काल्पनिक थे और इससे उनकी प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुंचा है. दूसरी ओर, प्रिया रमानी ने इन दावों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने विश्वास, सार्वजनिक हित और सार्वजनिक भलाई के लिए ये बातें सबके सामने लाईं.

यह भी पढ़ेंःपूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर डिफेमेशन मामले में सुनवाई शुरू, पत्रकार प्रिया रमानी का बयान हुआ दर्ज

अगर इस मामले में रमानी दोषी पाई गईं तो हो सकती है सजा
यदि रमानी दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें दो साल तक कैद या जुमार्ना या दोनों हो सकता है. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने 1 फरवरी को शिकायतकर्ता एम.जे. अकबर की वकील एडवोकेट गीता लूथरा और प्रिया रमानी की वकील रेबेका जॉन की दलीलों को सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

यह भी पढ़ेंः#MeToo : एम जे अकबर पर लगे आरोपों पर बीजेपी नेता ने कहा- महिला पत्रकार इतनी मासूम नहीं कि उनका गलत इस्तेमाल हो सके

ये है पूरा मामला
महिला पत्रकार ने अक्टूबर 2018 में मी टू (Mee Too) अभियान के तहत ट्वीट कर एमजे अकबर पर आरोप लगाया था कि तीस साल पहले उन्होंने उसका यौन शोषण किया था. इस आरोप के बाद अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अकबर ने महिला पत्रकार के आरोपों का खंडन करते हुए महिला पत्रकार पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था.उन्होंने रमानी के खिलाफ शिकायत दायर करने से पहले कहा था कि वह इस बात से अवगत हैं कि कई अन्य महिलाओं ने भी उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं लेकिन वह किसी और के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर नहीं करेंगे.

HIGHLIGHTS

  • पूर्व केंद्रीय मंत्री पर पत्रकार प्रिया रमानी के आरोप
  • साल 2018 में मी टू के तहत बताई बात और किया केस
  • एम जे अकबर ने किया रमानी पर मानहानि का केस

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Defamation Case Delhi Rouse Avenue Court MJ Akbar Journalist Priya Ramani Ex Union Minister MJ Akbar Statement record
Advertisment
Advertisment