सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के बावजूद देश में मॉब लिंचिंग की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश के बरेली में जानवर की चोरी के शक के आधार पर एक व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। हाल ही में दुबई से वापस लौटने वाले शख्स शाहरुख की हत्या बरेली के भोलापुर हदोलिया गांव में हुई। पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
गांव के एक समूह ने 20 वर्षीय शाहरुख और उसके साथ तीन अन्य युवकों को भैंस चुराने के शक पर जमकर मारपीट की। जिसके बाद शाहरुख की हत्या हो गई। पुलिस ने कहा है कि उसे गंभीर रूप से पीटा गया, वहीं उसके दोस्त भागने में सफल रहे।
शाहरुख को जिला अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनंदन सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया है।
उन्होंने कहा कि शाहरुख के भाई ने 20-25 बिना नाम के व्यक्तियों और उसके तीन दोस्तों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और जिन लोगों ने भैंस चोरी का आरोप लगाया था उन्होंने भी मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि एक सप्ताह पहले ही उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गो तस्करी के आरोप में दो युवकों को गंभीर रूप से पीटा गया था जिसमें यूपी पुलिस ने हिंदू गोरक्षा दल के प्रमुख अनुज बंसल को गिरफ्तार भी किया था। वहीं इसी महीने हरियाणा के पलवल में भी मवेशी चुराने के शक पर भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मॉब लिंचिंग पर समिति ने केंद्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद समिति का गठन किया था। इस कमेटी में न्याय, कानून, विधायी और सामाजिक न्याय और अधिकार विभागों के सचिवों को सदस्य बनाया गया था। इस कमेटी ने कल (बुधवार) को सरकार की एक मंत्रिमंडलीय स्तर की एक दूसरी कमेटी को रिपोर्ट सौंपी थी।
केंद्र सरकार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह की एक और कमेटी गठित की थी, जो सचिवों की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर विचार करेगी।
मंत्रियों के समूह वाली कमेटी में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत शामिल हैं। मंत्रियों के समूह वाली कमेटी अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपेगी।
गोरक्षकों की गुंडागर्दी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
गौरतलब है कि गोरक्षा के नाम पर पूरी देश में भीड़ द्वारा हो रही हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लोकतंत्र में भीड़तंत्र के लिए कोई जगह नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने संसद से इस मामले को लेकर कानून बनाने और सरकारों को संविधान के दायरे में रहकर काम करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर 23 दिशानिर्देश भी जारी किए थे जिसमें इस तरह की घटनाओं को होने से रोकने और ऐसा करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के प्रावधान का जिक्र है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार हर जिले में कम से कम SP रैंक के अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किया जाए। हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हो, जो इस तरह के मामलो पर रोक लगाए और उन लोगो पर नजर रखे जो भीड़ को हिंसा के लिए उकसाते है। राज्य सरकार ऐसे इलाकों की पहचान कर जहां भीड़ के जरिये हिंसा की घटनाएं सामने आई है।
Source : News Nation Bureau