जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अगर मोदी सरकार ने यह तर्क दिया कि ऐसा राज्य को देश की मुख्यधारा के साथ लाने के लिए किया गया है, तो उसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं. राजौरी के दूरस्थ इलाकों में स्थित गांवों के लोगों ने अब कहीं जाकर पहली बार बिजली के दर्शन किए हैं. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सौभाग्य इलेक्ट्रिसिटी योजना के तहत 20 हजार घरों में आजादी के बाद पहली बार बिजली का बल्ब जला है. सीमा पार के ये इलाके आजादी के इतने दशकों बाद भी बिजली से महरूम थे.
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1947 यानी आजादी के बाद से नहीं थी यहां बिजली
राजौरी के डीडीसी मोहम्मद ऐजाज असद ने इस उपलब्धि पर बताया कि केंद्र सरकार की सौभाग्य इलेक्ट्रिसिटी योजना के तहत 20,300 घरों में बिजली पहुंचाई गई है. नियंत्रण रेखा के पास के इन जैसे अधिसंख्य इलाकों में 1947 से बिजली नहीं है. इस योजना ने इन सुदूरवर्ती इलाकों को खासा फायदा पहुंचाया है. गांव वाले भी इससे काफी खुश हैं. उनके काम आसानी से हो रहे हैं, खासकर रात के काम. बच्चों की पढ़ाई आसान हो गई है.
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गांव में विकास के साथ बदलाव आना शुरू
राजौरी के एक ऐसे ही गांव के निवासी ने बताया कि बिजली के विकास के साथ ही गांव में बदलाव आना शुरू हो गया है. व्यापार को भी बिजली आने से बढ़ावा मिल रहा है. नई-नई दुकानें खुल रही हैं. सबसे बड़ी बात अब हम अपने मोबाइल फोन घर पर ही चार्ज कर सकते हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सहज बिजली घर योजना-सौभाग्य को 25 सितंबर 2017 को खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने लांच किया था. इसके तहत गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिए जा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान की सीमा से लगे इन गांवों में आजादी के बाद से नहीं है बिजली.
- अब सौभाग्य योजना के तहत 20 हजार से अधिक घरों में पहुंची बिजली.
- बिजली आने के साथ ही गांव की तस्वीर बदलना हुई शुरू. ग्रामीणों में उत्साह.