बीजेपी की वरिष्ठ नेताओं में से एक सुषमा स्वराज पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के उन मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. नए मंत्रिमंडल में सुरेश प्रभु, जे.पी. नड्डा, महेश शर्मा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जयंत सिन्हा को जगह नहीं मिली है. स्वराज के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का कारण हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसकी वजह उनका खराब स्वास्थ्य हो सकता है.
सुषमा मोदी सरकार के पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थीं और इसबार उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था. उन्होंने कहा था कि उनका स्वास्थ्य लोकसभा चुनाव लड़ने और प्रचार करने की इजाजत नहीं देता है.
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बतौर विदेश मंत्री वह प्रवासी भारतीयों के बीच अपने कामकाज की वजह से काफी लोकप्रिय रही थीं. इसके अलावा एक ट्वीट मात्र पर कई लोगों की मदद के लिए भी उन्हें याद किया जाएगा. 2004 से 2014 तक संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं और उनका कार्यकाल सफल रहा था.
पहले रेलवे जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने और बाद में वाणिज्य व उद्योग और नागर विमानन मंत्री का कार्यभार संभालने वाले सुरेश प्रभु को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नड्डा स्वास्थ्य मंत्री थे और इस बार उनका नाम भी मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं है. हालांकि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अमित शाह के स्थान पर बीजेपी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
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पूर्व ओलंपियन और खेल व सूचना और प्रसारण मंत्रालय का सफलता पूर्वक कार्यभार संभालने वाले राठौर को भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है. पूर्ववर्ती सरकार में पर्यटन और संस्कृति मंत्री रहे महेश शर्मा को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
जयंत सिन्हा ने पूर्ववर्ती सरकार में पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और बाद में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला था, लेकिन उन्हें भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. जयंत सिन्हा पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी के कटु आलोचक रहे हैं.
Source : IANS