केंद्रीय मंत्रिमंडल में (Modi Cabinet Reshuffle) बदलाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. अगले एक या दो दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है. पार्टी और सहयोगी दलों के कई नेताओं को इसके लिए दिल्ली बुलाया जा रहा है. वहीं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को अब राज्यपाल बना दिया गया है. अब एनडीए सरकार में ये बदलाव के संकेत साफ तौर पर देखे जा सकते हैं इस बार कई मंत्रियों को बदला जाएगा. कई नए चेहरों को केंद्रीय कैबिनेट में मौका दिया जाएगा तो वहीं कई पुराने चहरों की कैबिनेट से विदाई भी तय है. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार आगामी 8 जुलाई को सुबह 10 बजे के बाद हो सकता है.
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे चुके हैं, इस दौरान कोरोना वायरस की महामारी (Corona Virus Pendamic) ने देश में जो तबाही मचाई है उससे केंद्र सरकार (Image of Center) की छवि पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expension) के जरिए केंद्र सरकार के कामों को गति देने में और सभी समीकरणों को ठीक करने की ओर कदम उठाए जा सकते हैं.
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मोदी कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के इस विस्तार के जरिए क्षेत्रीय, जातीय और दलीय समीकरण को भी देखा जा सकता है. आपको बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में यहां पर केंद्र सरकार का बड़ा फोकस रहेगा. वहीं बिहार को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बनाने में तरजीह दिया जा सकता है, क्योंकि बिहार में एनडीए की सरकार है बीजेपी के साथ जेडीयू और सहोयगी दलों को मौका मिल सकता है. अगले साल होने वाले 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बस दो साल के बाद ही साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं केंद्र इन बातों को ध्यान में रखकर कैबिनेट का विस्तार करेगा.
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कई मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग
नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट विस्तार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि, इस कैबिनेट में कई नेताओं के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं जिससे कि वो एक साथ कई जगह उतनी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं. इनमें से प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी सहित कई मंत्रियों का नाम इस लिस्ट में शामिल है. ऐसी स्थिति में अगर मोदी कैबिनेट में 20 से अधिक मंत्रियों को कैबिनेट विस्तार होता है तो अतिरक्त प्रभार वाले मंत्रियों पर काम का बोझ कुछ कम होगा और वो पहले से बढ़िया काम कर सकेंगे.
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इन राज्यों और सहयोगी दलों पर रहेगा फोकस
मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के अलावा अन्य चुनावी राज्यों के नेताओं को तरजीह दे सकती है. इन राज्यों से बीजेपी के सहयोगी दलों में जैसे जनता दल (यूनाइटेड) लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) बिहार, उत्तर प्रदेश का अपना दल जैसी पार्टियों के नेताओं को मोदी कैबिनेट के एक्सपेंशन में मौका मिल सकता है.
मोदी कैबिनेट में संभवतः इन नेताओं को मिल सकती है जगह
• ज्योतिरादित्य सिंधिया
• सर्वानंद सोनोवाल
• नारायण राणे
• शांतनु ठाकुर
• पशुपति पारस
• सुशील मोदी
• राजीव रंजन
• संतोष कुशवाहा
• अनुप्रिया पटेल
• वरुण गांधी
• प्रवीण निषाद
HIGHLIGHTS
- केंद्र की नरेंद्र मोदी कैबिनेट का जल्द होगा विस्तार
- सिंधिया, पशुपति सहित नए चेहरों को मिल सकता है मौका
- चुनावी राज्यों को ध्यान में रखकर होगा कैबिनेट विस्तार