भारत सरकार ने भारत रत्न का ऐलान कर दिया है. केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती 24 जनवरी को होती है. पूर्व सीएम की ये 100वीं जयंती है. उनकी जयंती से एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. उन्हें मरणोपरांत सम्मान दिया जाएगा. बुधवार को कर्पूरी ठाकुर के जयंती कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा. इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. अपने पिता को भारत रत्न मिलने के ऐलान के बाद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 36 सालों की तपस्या का परिणाम है.कर्पूरी ठाकुर को सम्मान मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल यू ने केंद्र को धन्यवाद दिया है.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्र सरकार के फैसले पर खुशी जताई. उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर लिखा ''मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक, महान जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं. यह प्रतिष्ठित है'' यह मान्यता हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का एक प्रमाण है"
PM Narendra Modi tweets, "I am delighted that the Government of India has decided to confer the Bharat Ratna on the beacon of social justice, the great Jan Nayak Karpoori Thakur and that too at a time when we are marking his birth centenary. This prestigious recognition is a… https://t.co/l6ldKGFpy3 pic.twitter.com/rUkcYhCPtJ
— ANI (@ANI) January 23, 2024
स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नायक थे ठाकुर
मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का यह फैसला लोकसभा चुनाव से पहले ही किया है और इसे एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है. कर्पूरी ठाकुर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नायक थे. गांधीजी असहयोग आंदोलन में कर्पूरी ठाकुर बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वे अपने संकल्प से कभी नहीं हटे.
निर्धन परिवार से आते थे कर्पूरी ठाकुर
जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के एक गांव में हुआ था, जिसे अब कर्पूरी ग्राम के नाम से जाना जाता है. कर्पूरी ठाकुर नाई जाति से थे और काफी निर्धन परिवार से आते थे. सामाजिक न्याय के लिए वो जीवन भर लड़ते रहे.
Source : News Nation Bureau