भारत सरकार ने ट्विटर को 474 अकाउंट के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा है. इसके साथ ही सरकार ने इस वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान कानून का उल्लंघन करने पर 504 अकाउंट को समाप्त करने या उनकी सामग्री हटाने का भी अनुरोध किया है. ट्विटर की हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, इसने पांच फीसदी सूचना अनुरोध मामलों में भारत सरकार की मदद की और अकाउंट हटाने की अपील पर कुल छह फीसदी मामलों का संज्ञान लिया.
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भारत की ओर से कुल 1,268 ट्विटर अकाउंट को सूचना प्राप्त करने के अनुरोध के लिए और 2,484 अकाउंट को हटाने के लिए कहा गया था. भारत सरकार ने जुलाई से दिसंबर 2018 की अवधि में 422 ट्विटर खातों के लिए सूचना का अनुरोध किया, जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म से कानून का उल्लंघन करने के लिए 667 खातों को हटाने के लिए अपील की थी.
अकाउंट के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अनुरोध करने के मामले में इस बार भी अमेरिकी सरकार सबसे आगे रही. समीक्षा अवधि के दौरान अमेरिका ने वैश्विक अनुरोधों की अपेक्षाकृत जानकारी पाने के लिए कुल 29 फीसदी अनुरोध किया. कंपनी ने अपनी निजी सूचना नीतियों के तहत संभावित उल्लंघन के लिए रिपोर्ट किए गए खातों में 48 फीसदी की वृद्धि दर्ज की.
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कंपनी की ओर से कहा गया, "हमने पिछली समीक्षाधीन अवधि की तुलना में 119 फीसदी अधिक खातों को निलंबित कर दिया है." ट्विटर ने इस दौरान बाल यौन शोषण से संबंधित उल्लंघन के लिए कुल दो लाख 44 हजार 188 खातों को निलंबित कर दिया.
बता दें कि मैसेंजर एप व्हाट्सएप के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, सीनियर अधिकारियों, वकीलों, नेताओं और राजनयिकों की जासूसी का मामला सामने आने के बाद से खूब मचा हुआ है. व्हाट्सएप ने इजरायली सर्विलांस फर्म एनएसओ ग्रुप (NSO Group) पर जासूसी का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NSO Group ने भारत समेत 20 देशों के करीब 1400 राजनयिकों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी की है.
बताया जा रहा है कि जासूसी के लिए इजरायली सर्विलांस फर्म एनएसओ ग्रुप ने पेगासुस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था. व्हाट्सएप ने बताया कि जिन लोगों की जासूसी की गई, उनको अलर्ट किया गया था. हालांकि, व्हाट्सएप ने अभी तक उन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया है, जिनकी जासूसी की गई थी.
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सूत्रों के अनुसार, भारत के कम से कम दो दर्जन पत्रकार, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता की जासूसी की गई. हालांकि, व्हाट्सएप ने इन पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों को अलर्ट भी किया था. व्हाट्सएप का कहना है कि मई 2019 तक इनकी जासूसी की गई थी. व्हाट्सएप के मुताबिक, भारत में करीब 100 सिविल सोसाइटी के सदस्यों को निशाना बनाया गया.