केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीर पर मंत्रियों के एक समूह (GOM) का गठन किया है. मंत्रियों का यह समूह दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में विकास, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर नजर रखेगा. 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नए केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे. गठित मंत्री समूह में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीएमओ के मंत्री जितेंद्र सिंह और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं.
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यह समूह कश्मीर के विकास के लिए केंद्रीय मंत्रालयों की मदद का प्लान तैयार करेगा. इसका फोकस युवाओं के कौशल विकास पर होगा. मंत्री समूह 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा. इसी रिपोर्ट के आधार पर पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर के लिए विशेष पैकेज का ऐलान कर सकते हैं. इससे पहले मंत्री समूह दो बार बैठक कर चुका है, जिसमें युवाओं के कौशल विकास पर चर्चा की गई है.
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटे अब तीन हफ्ते से ज्यादा हो गया है. केंद्र सरकार अब राज्य में विकास के नए रास्ते खोलने की तैयारी कर रही है. धीरे-धीरे घाटी से पाबंदियां हटाई जा रही हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 इस महीने संसद द्वारा पारित किया गया था.
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जानकारी के मुताबिक, सितंबर के पहले हफ्ते में मंत्कीरियों के समूह की पहली बैठक होगी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार को 15 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की प्रक्रिया को पूरा करने और वहा केंद्रीय योजनाओं के जल्द से जल्द कार्यान्वयन के तरीकों पर चर्चा हुई. बैठक में विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में सर्दियों की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं को स्टॉक करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर भी चर्चा की गई.