केंद्र सरकार की नियुक्ति समिति ने गुरुवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के कार्यकाल को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है. अस्थाना के साथ सीबीआई के अन्य अधिकारियों संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा, उपमहानिरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा और पुलिस अधीक्षक जंयत जे नायकनावरे के कार्यकाल में कटौती का आदेश दिया है. केंद्र सरकार की कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग की नोटिस में चारों अधिकारियों के नाम जारी किए गए. सूत्रों के अनुसार, राकेश अस्थाना को सीबीआई से हटाकर एविएशन सुरक्षा में भेजा गया है. इससे पहले 10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बनी 3 सदस्यीय चयन समिति ने आलोक वर्मा को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पद से हटाया था.
बता दें कि राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआई ने (आलोक वर्मा के निदेशक रहते हुए) भ्रष्टाचार मामले में एफआईआर दर्ज किया था. एफआईआर को खत्म करने के लिए अस्थाना ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी थी.
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत 4 अधिकारियों का तबादला#CBI #rakeshasthana #AlokVerma pic.twitter.com/0aelDbsTff
— News State (@NewsStateHindi) January 17, 2019
अपदस्थ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील ने अस्थाना के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई को जायज ठहराया था और कहा था कि प्राथमिकी मौजूदा कानूनों के अनुरूप और उचित प्रक्रिया के तहत दर्ज की गई थी.
सीबीआई ने अस्थाना, निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार और दो अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि उन्होंने दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत ली थी.
और पढ़ें : आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद CBI के नए निदेशक के लिए चयन समिति की बैठक 24 जनवरी को
1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने एक कारोबारी से 2 करोड़ रुपये लिए थे. इस कारोबारी के खिलाफ कुरैशी मामले में जांच चल रही थी. मामले की जांच अस्थाना के नेतृत्व वाला एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा था.
Source : News Nation Bureau