सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए रविवार को गेहूं खरीद प्रक्रिया को 31 मई, 2022 तक बढ़ा दिया. सरकार ने बढ़ती कीमतों और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के कारण गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने के बाद यह घोषणा की है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार किसानों के आर्थिक विकास के लिए वचनबद्ध है. सरकार ने इससे पहले महंगाई के दबाव में गेहूं निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया गया था.
हालांकि, निर्यात पर पाबंदी के नोटिफिकेशन से पहले जिन एक्सपोटर्स ने कांट्रैक्ट कर लिया है, उन्हें गेहूं विदेश भेजने की अनुमति दी गई है. नोटिफिकेशन में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि किसी अन्य देश की खाद्य सुरक्षा अथवा वहां की जरूरतों के मद्देनजर सरकार की अनुमति से वहां गेहूं का निर्यात किया जा सकेगा. इस तरह का निर्यात संबंधित देश की सरकार के अनुरोध पर निर्भर करेगा.
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कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्ट्री ने कहा, “वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति और बाजार मूल्य केंद्रीय पूल के तहत मौजूदा रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के दौरान गेहूं की अनुमानित खरीद को प्रभावित कर सकते हैं.” मिनिस्ट्री ने इसके साथ ही कहा है कि सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट को भी नियंत्रित किया है. लाइवमिंट ने मिनिस्ट्री के हवाले से बताया है कि किसानों के हित में और राज्य सरकारों के अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया है कि सभी संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश और एफसीआई गेहूं की खरीद जारी रख सकते हैं.
किसान अपना गेहूं राज्य या एफसीआई को बेच सकते हैं. केंद्रीय पूल के अधीन मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर खरीद होगी. भारत में गेहूं की खरीद जारी है. मौजूदा रबी मार्केट सीजन (RMS) 2022-23 में 14 मई, 2022 तक 180 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. पिछले वर्ष इसी अवधि में 367 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी.