मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी. गन्ने के एफआरपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है .पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अगले सीजन के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य को बढ़ाने का फैसला किया है. मोदी सरकार के गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य को बढ़ाने के फैसले का फायदा सीधे तौर पर पांच करोड़ गन्ना किसानों को होगा. गन्ना मिलों और उससे जुड़े लोगों में काम करने वाले 5 लाख कर्मचारियों को भी इस फैसले का फायदा होगा. सरकार ने बताया कि गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि उत्पादन की लागत 157 रुपये प्रति क्विंटल है.
2023-24 के लिए गन्ना का एफआरपी पिछले साल के सीजन के मुकाबले 3.28% अधिक है. नया एफआरपी के जरिए खरीद एक अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाले नए गन्ने के सीजन से लागू होगी. बता दें कि 2023-24 के लिए गन्ना का एफआरपी पिछले साल के सीजन के मुकाबले 3.28% अधिक है. नया एफआरपी के जरिए खरीद एक अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाले नए गन्ने के सीजन से लागू होगी. मोदी कैबिनेट ने कीमत बढ़ाने का फैसला सीएसीपी की सिफारिशों और राज्यों के साथ दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत करने के बाद किया है. मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आई थी तब गन्ने का एफआरपी 220 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करता था.
यह भी पढ़ें: Income Tax Return: बस आखिरी एक महीना! जल्द भरें ITR, वरना देना पड़ेगा ₹5000 का जुर्माना
गन्ना किसानों की लंबे समय से मांग
देशभर के गन्ना किसान सरकार से लगातार उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Prices ) बढ़ाने की मांग कर रहे थे. सरकार ने किसानों की मांग पर इससे से जुड़े संगठनों और किसान नेताओं और सीएसपी की सिफारिशों को देखते हुए गन्ना किसानों के लाभकारी मूल्य बढ़ाने की मांग की है.