पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार (modi government) ने 2021-22 के बजट प्रस्तावों में गरीबों, बेरोजगारों और एमएसएमई क्षेत्र की अनदेखी की है. राज्यसभा में बजट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सबसे योग्य को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया है- गरीब, किसान, प्रवासी श्रमिक, एमएसएमई क्षेत्र, मध्यम वर्ग और बेरोजगार. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बजट को 'अस्वीकार' कर दिया, क्योंकि इसमें गरीबों के लिए कुछ भी नहीं था. उन्होंने कहा कि सभी को उम्मीद थी, लेकिन गरीबों के लिए नकद हस्तांतरण नहीं हुआ.
पी चिदंबरम ने आगे कहा कि बजट में रक्षा क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं किया गया है और इसमें अनुमानित संख्या सही नहीं है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने भाषण में रक्षा का उल्लेख नहीं किया, जो अभूतपूर्व है. 2021-22 में रक्षा के लिए बजटीय आवंटन 3,47,088 करोड़ रुपये है, जबकि चालू वर्ष में संशोधित अनुमान 3,43,822 करोड़ रुपये है. इसमें केवल 3,266 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को बजट पर बहस शुरू की थी और आरोप लगाया था कि सरकार चार-पांच खिलाड़ी को अपनी संपत्ति दे रही है.
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक फरवीर को संसद में 2021-22 का बजट पेश किया था. इस बजट को पीएम नरेंद्र मोदी ने ईज ऑफ लिविंग पर जोर देने वाला करार दिया था, लेकिन बजट पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए थे. इस पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि बजट को लेकर सरकार से काफी अपेक्षा थी, लेकिन उद्योगों को कोई राहत नहीं मिली.
चिदंबरम ने कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा पर खर्च का कोई जिक्र नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने स्वास्थ के आंकड़े दिए, उसमें वैक्सीन का खर्चा जोड़ा और फाइनेंस कमीशन की भी ग्रांट जोड़ दी. पेज नंबर दस पर बजट ग्लान्स में अलग आंकड़े हैं, जिससे साफ है कि खर्च कम हुआ है. बजट में रक्षा और स्वास्थ्य पर कोई भी कमी नहीं आनी चाहिए थी. पहले ही हमने कहा था.
Source : News Nation Bureau