मोदी सरकार जल्द ही पड़ोसी देशों से प्याज का आयात करने वाली है. भारत यह आयात पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे प्याज उत्पादक देशों से किया जाएगा. 6 सितंबर 2019 को देश की सार्वजनिक क्षेत्र की ट्रेंडिंग बॉडी मेटल्स एंड माइनस ट्रेडिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया (MMTC Ltd) की ओर से जारी टेंडर के अनुसार, सरकार 2000 मीट्रिन टन प्याज का आयात करेगी.
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भारत सरकार का यह कदम देश में प्याज की कमी को पूरा करने और बढ़ती कीमतों के बीच घरेलू आपूर्ति को संतुलित करने के लिए उठाया गया है. हालांकि, भाजपा (BJP) यह याद है कि प्याज के दाम बढ़ने की वजह से एक बार उसे सरकार गंवानी पड़ी थी. हाल में 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अगर प्याज के दामों में बढ़ोतरी हुई तो इसका खामियाजा बीजेपी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में मालेगांव और लासलगांव के 14 थोक मार्केट में प्याज की कमी है. शुक्रवार को प्याज मार्केट में सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज का दाम 2930 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला. कुछ दिन पहले सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज का थोक भाव 2700 और साधारण क्वालिटी के प्याज का दाम 1400 रुपये प्रति क्विंटल था.
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार की MMTC 2000 मीट्रिक टन प्याज आयात करने के लिए ओपेन टेंडर निकालने जा रही है. यह प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्याज उत्पादक किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि भारत में रोज प्याज की खपत को देखते हुए यह आयात बेहद कम है.
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बता दें कि कुल मिलाकर भारत में हर महीने 15 लाख मीट्रिक टन प्याज की जरूरत होती है. आम तौर पर अकेले मुंबई में हर दिन एक हजार मीट्रिक टन प्याज की खपत होती है. इसलिए मौजूदा हालात में 2000 मीट्रिक टन प्याज का आयात वह भी नवंबर में होने से प्याज के दामों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी.