अब नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी, केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

ECLGS 4.0 के तहत, अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दिए गए 2 करोड़ तक के ऋण पर 100% गारंटी कवर दिया जाएगा और इस पर 7.5 फीसदी की ब्याज दर तय की गई है.

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Karm Raj Mishra
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Finance Minister( Photo Credit : News Nation)

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देश में बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) ने जमकर कहर मचाया है. कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी तो देश भर में दवाइयों और ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिली. जिसको दूर करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया था. वित्त मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ESLGS) का दायरा बढ़ाते हुए उसमें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को भी शामिल किया था. जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करना था. अब मोदी सरकार (Modi Government) ने देश में ऑक्सीजन (Oxygen) का उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) का दायरा बढ़ा दिया गया है.

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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण हुए आर्थिक घाटे को देखते हुए ECLGS के दायरे का विस्तार किया गया है. ECLGS 4.0 के तहत, अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दिए गए 2 करोड़ तक के ऋण पर 100% गारंटी कवर दिया जाएगा और इस पर 7.5 फीसदी की ब्याज दर तय की गई है.

मंत्रालय ने कहा कि जो लोग RBI द्वारा 5 मई 2021 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पुनर्गठन के लिए पात्र हैं, और जिन्होंने 4 साल के लिए 'ECLGS 1.0' के तहत ऋण लिया था, जिसमें केवल पहले 12 महीनों के दौरान ब्याज चुकाने के साथ कुल 36 महीनों में मूलधन और ब्याज चुकाना था अब वे 4 के बजाय 5 साल की अवधि के लिए इसका लाभ ले सकेंगे. मतलब अब उन्हें चार साल की बजाय अब लोन चुकाने के लिए पांच साल का समय मिलेगा. इस लोन का ब्याज सिर्फ 24 महीने तक चुकाना होगा. उसके बाद के 36 महीनों में मूलधन और ब्याज चुकाना होगा.

वित्त मंत्रालय के अनुसार अब ECLGS 4.0 स्कीम के तहत हॉस्पिटल, क्लिनिक और मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 2 लाख रुपये तक के लोन पर पूरी गारंटी मिलेगी. साथ ही इस लोन की ब्याज दर की सीमा 7.5 फीसदी तय की गई है. सरकार का प्रयास है कि इससे लोग प्रभावित होंगे. और देश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी. साथ ही ऑक्सीजन की किल्लत भी खत्म होगी. 

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मंत्रालय के अनुसार ECLGS में बदलाव से MSME को ज्यादा मदद मिलेगी. इसके साथ ही आर्थिक गितिविधियां शुरू होने से लोगों की आजीविका बचाने में मदद मिलेगी. इससे आसान शर्तों पर संस्थागत लोन का प्रवाह बढ़ेगा. यानी देश के छोटे और मझोले उद्योगों को कोरोना में जो नुकसान हुआ है उन्हें एक बार फिर से खड़ा करने की कोशिश की जाएगी. सरकार के इस कदम से छोटे और मझोले उद्यमों को बैंकों से लोन लेने में आसानी होगी. 

सरकार ने नागरिक उड्डयन सेक्टर को ईसीएलजीएस 3.0 के तहत ला दिया है. साथ ही ईसीएलजीएस 3.0 के तहत लोन आउटस्टैंडिंग की 500 करोड़ रुपये की मौजूदा सीमा भी हटा दी गई है. सरकार ने ईसीएलजीएस की वैधता भी बढ़ाकर इस साल सितंबर कर दी है या यह स्कीम दिसंबर तक वैध रहेगी, जब तक कि 3 लाख रुपये के लोन पर गारंटी और उसका डिस्बर्समेंट नहीं हो जाता.

HIGHLIGHTS

  • कोरोना में हुए आर्थिक घाटे के कारण ECLGS का दायरा बढ़ाया
  • ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए 7.5% ब्याज पर लोन
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