सरकार के शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारत देश की बड़ी रकम लेकर भागे आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए अभियान शुरू करने जा रही है. इस मिशन के लिए एक लांग रेज (लंबी दूरी तक जानेवाले विमान) एयर इंडिया बोइंग की तैनाती की गई है, जिस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी वेस्टइंडीज जाएंगे और भगोड़ों को वापस लेकर आएंगे. कैरिबियाई द्वीप समूह के कई देशों में पैसे पर मिलने वाली विवादास्पद नागरिकता योजना का फायदा उठाकर हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और विनसम डायमंड्स के प्रमोटर जतिन मेहता ने इन देशों की नागरिकता ले रखी है.
मेहता जहां कुछ साल पहले सेंट किट्स एंड नेविस के नागरिक बन चुके हैं, वहीं, चोकसी ने एंटीगुवा और बारबुडा की नागरिकता हाल में ही ली है. ये द्वीपसमूह 132 देशों को वीजा मुक्त यात्रा प्रदान करते हैं. भारतीय आर्थिक अपराधियों के बीच निवेश के द्वारा नागरिकता प्राप्त कर लेना लोकप्रिय हो गया है. जांच एजेंसी के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि चोकसी और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को पकड़ने के लिए ही यह अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि क्या मोदी इन द्वीपसमूहों में से किसी में है.
चोकसी को कैरेबिया से पकड़ कर लाया जा सकता है, और वापसी के दौरान मोदी को यूरोप से पकड़ कर वापस लाया जा सकता है, जहां वह कथित तौर पर छिप कर रह रहा है. प्रत्यर्पण संधियों के अभाव में ये द्वीप भारत के अमीरों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह में बदल गए हैं. ग्रेनाडा, सेंट लुसिया और डोमिनिका जैसे अन्य देशों में भी इसी प्रकार की निवेश के जरिए नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा है.
डोमिनिका और सेंट लुसिया वैध पासपोर्ट पर महज एक लाख डॉलर के निवेश से ही नागरिकता दे देते हैं, जो धनी लोगों के लिए प्राप्त करना बेहद आसान है. यहां तक कि उनके जीवनसाथी को भी नागरिकता थोड़ी अधिक रकम खर्च कर मिल जाती है, जो सेंट लुसिया के लिए 1,65,000 डॉलर और डोमिनिका के लिए 1,75,000 डॉलर है. जबकि, ग्रेनेडा इसी प्रकार से 2,00,000 डॉलर के निवेश पर नागरिकता प्रदान करता है.
Source : IANS