केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ ही दिन पहले गरीब सवर्णों (Sawarn Reservation 2019) के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार का ये प्रस्ताव लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी पास हो गया. मोदी सरकार ने अपने फैसले में कहा था कि आर्थिक रूप से पिछड़े हुए सवर्णों को सरकारी नौकरी के साथ-साथ शिक्षा में भी इस आरक्षण का लाभ मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा सवर्ण आरक्षण के तहत राज्य सरकार द्वारा संचालित ऑयल मार्केटिंग कंपनी के जरिए पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी भी गरीब सवर्णों को बांटी जा सकती है. नाम न बताने की शर्त पर दो अधिकारियों ने कहा कि ऐसा संभव हो सकता है. इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि ये कंपनियां केंद्र सरकार के आरक्षण नीतियों का पालन करते हैं.
राज्य सरकार के अधीन आने वाले ईंधन रीटेलर्स जैसे- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए पहले से ही आरक्षण नीति लागू है. बता दें कि साल 2012 में मनमोहन सरकार ने जुलाई में पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों के बंटवारे में ओबीसी (OBC) को शामिल किया था.
Source : News Nation Bureau