Advertisment

मोदी सरकार ने अगले आदेश तक रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल पर लगाई रोक, जानें क्या है वजह

मोदी सरकार ने अब कोरोना वायरस की जांच के लिए मंगाए गए रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
narendra modi

पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. रोजाना कोरोना वायरस के नए केस सामने आ रहे हैं. देश में चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस पर मोदी सरकार (Modi Government) ने अब कोरोना वायरस की जांच के लिए मंगाए गए रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना- नोटबंदी की तरह बिना योजना के लॉकडाउन हुआ, ये भी होगा नुकसान

आपको बता दें कि भारत में चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर घमासान मचा हुआ है. पश्चिम बंगाल और राजस्थान की सरकार ने रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट पर सवाल उठाए हैं. इसके बाद मेडिकल की नियामक संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सभी राज्यों को इसका उपयोग नही करने की सलाह दी. अब सरकार ने अगले आदेश तक इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

चीन की कंपनियों ने दी सफाई

भारत में कोविड-19 की त्वरित जांच के लिए 5.5 लाख किट की आपूर्ति करने वाली चीन की दो कंपनियों ने कहा है कि वे अपने उत्पादों के परिणामों में सटीकता नहीं होने की शिकायतों के मामले में जांच में सहयोग को तैयार हैं. अलग-अलग बयानों में ग्वांगझोऊ वोंदफो बायोटेक और लिवजोन डायग्नोस्टिक्स ने कहा कि वे अपने उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियम का कड़ाई से पालन करती हैं. कंपनियों ने कहा कि सटीक परिणाम पाने के लिए किटों को रखे जाने और उनके इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः उर्वशी रौतेला के फेसबुक अकाउंट अकाउंट हुआ हैक, हैकर ने मांगी मोटी रकम

पिछले सप्ताह भारत ने चीन की दोनों कंपनियों से 5.5 लाख त्वरित एंटीबॉडी जांच किट खरीदी थी. इन्हें कई राज्यों में वितरित किया गया था. ग्वांगझोऊ वोंदफो बायोटेक ने तीन लाख किट की आपूर्ति की थी, वहीं लिवजोन डायग्नोस्टिक्स ने ढाई लाख जांच किट भेजी थीं. लिवजोन डायग्नोस्टिक्स ने एक बयान में कहा कि हम चीन में हमारे ब्रांड समेत अन्य कंपनियों की बनी कोविड-19 त्वरित जांच किट से गलत परिणाम आने संबंधी भारत से आ रहीं नकारात्मक खबरों से स्तब्ध हैं.

उन्होंने कहा- हमने इस विषय पर बहुत गंभीरता दिखाई है और हम जांच के लिए संबंधित सरकारी विभागों के साथ सहयोग को तैयार हैं. रैपिड एंटीबॉडी जांच किट में संदिग्ध रोगी के रक्त के नमूने लिए जाते हैं और सामान्यत: 15 से 30 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है. देश के सरकारी अस्पतालों में इस समय पॉलीमरेज चेन रियेक्शन (पीसीआर) जांच किट का इस्तेमाल हो रहा है जिसमें गले और नाक से स्वाब के नमूने लिये जाते हैं और पांच से छह घंटे में परिणाम आता है. भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जांच किट की भारी कमी है.

PM modi Modi Government covid-19 corona-virus coronavirus china Rapid antibody test kit
Advertisment
Advertisment