New Farm Laws : कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार ने किसानों को एक लिखित प्रस्ताव भेजा है. सरकार ने कृषि कानूनों में कुछ संशोधन के सुझाव के तौर पर लिखित भरोसा दिया है, लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसानों का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द होना चाहिए.
सरकार के प्रस्ताव का सार
- राज्य सरकार चाहे तो प्राइवेट मंडियों पर भी शुल्क/फीस लगा सकती है.
- राज्य सरकार चाहे तो मंडी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकती है.
- किसानों को कोर्ट कचहरी जाने का विकल्प भी दिया जाएगा.
- किसान और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट की 30 दिन के अंदर रजिस्ट्री होगी
- कॉन्ट्रैक्ट कानून में स्पष्ट कर देंगे कि किसान की जमीन या बिल्डिंग पर ऋण या गिरवी नहीं रख सकते हैं.
- किसान की कुर्की नहीं हो सकेगी.
- एमएसपी की वर्तमान खरीदी व्यवस्था के संबंध में सरकार लिखित आश्वासन देगी।
- बिजली बिल अभी ड्राफ्ट है.
- एनसीआर में प्रदूषण वाले कानून पर किसानों की आपत्तियों को समुचित समाधान किया जाएगा.
आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान संगठनों को सरकार से मसौदा प्रस्ताव मिला है. वह उन कई किसान नेताओं में शामिल हैं जो सरकार के साथ जारी वार्ता में शामिल हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात 13 संगठन नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मसौदा प्रस्ताव भेजेगी, जबकि किसान नेताओं के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला जो इन कानूनों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं.
सरकार और कृषि संगठन के नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार की सुबह भी प्रस्तावित थी, जिसे रद्द कर दिया गया. मसौदा प्रस्ताव कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने भेजा है.
Source : News Nation Bureau