लड़कियों के मां बनने और उनकी शादी से जुड़े मामले को लेकर मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सरकार ने दरअसल जया जेटली की अगुवाई में टास्क फोर्स का गठन किया है, जो यह समीक्षा करेगा कि शादी और मां बनने का महिलाओं और उनके बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण से कितना संबंध होता है. टास्कफोर्स लड़कियों के शादी की उम्र की समीक्षा भी करेगा. टास्क फोर्स से लड़कियों में हायर एजुकेशन को और बढ़ावा देने का सुझाव देने को भी कहा गया है. टास्क फोर्स 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है.
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जया जेटली के अलावा टास्क फोर्स में डॉ. वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग, उच्च शिक्षा के सचिव, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, विधायी विभाग के अलावा शिक्षाविद नजमा अख्तर, वसुधा कामत और दीप्ति शाह शामिल होंगे.
इस बारे में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि महिला के मां बनने की सही उम्र के बारे में सलाह देने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी. लड़की की शादी के लिए अभी न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़के के लिए 21 साल तय है.
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अक्टूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था, वैवाहिक बलात्कार (marital rape) से लड़की को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए. विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के बारे में फैसला लेने का काम सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर छोड़ दिया था. यह भी कहा जा रहा है कि मां बनने की कानूनी उम्र 21 साल तय करने से महिला की बच्चे पैदा करने की क्षमता वाले सालों की संख्या खुद घट जाएगी.
Source : News Nation Bureau