मलेशिया में भगोड़े की जिंदगी जी रहे भारत में वांछित विवादास्पद धर्म गुरु जाकिर नाईक ने कश्मीर को लेकर एक बेहद उकसावेपूर्ण बयान दिया है. जाकिर नाईक ने मोदी सरकार पर कथित तौर पर सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन करने के एवज में केंद्र सरकार ने लगाए गए तमाम आरोप हटाने का आश्वासन दिया था. जाकिर नाईक का कहना है कि मोदी सरकार के नुमाइंदे ने यह भी कहा था कि इसके बाद वह भारत में आकर रह सकता है.
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अन्य मुस्लिम नेताओं को भी किया गया ब्लैकमेल
एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जाकिर नाईक ने यह सनसनीखेज आरोप लगाया है. शेख यासिर कदी की पोस्ट का जवाब देते हुए जाकिर ने लिखा कि सिर्फ उससे ही नहीं भारत के तमाम शीर्ष मुस्लिम नेताओं को इसी तरह की धमकी या सौदेबाजी की गई थी. सरकार का मकसद कश्मीर पर उनके समेत कथित तौर पर अन्य मुस्लिम नेताओं से समर्थन जुटाना था. इस तरह की पेशबंदी उन नेताओं से ज्यादा की गई थी, जिनका अन्य मुस्लिम देशों में अच्छा-खासा प्रभाव है.
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मलेशिया ने लगाई भाषण देने पर रोक
गौरतलब है कि मलेशिया में छिप कर रहे रहे जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर मोदी सरकार खासा कूटनीतिक दबाव बनाए हुए हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत मलेशिया के गृहमंत्री एम यासीन को अगस्त में कहना पड़ा था कि नाईक कानून से ऊपर नहीं है. इससे पहले मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाइक के भाषण देने पर रोक लगा दी थी. मलेशियाई अधिकारियों ने जाकिर नाइक को हिंदुओं एवं चीनियों के खिलाफ कथित नस्ली टिप्पणी करने के मामले में तलब भी किया था. इससे कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित भारतीय इस्लामी धर्म उपदेशक को कहा था कि उसे देश में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है.
HIGHLIGHTS
- कश्मीर पर समर्थन के एवज में आरोप वापस लेने का दिया था आश्वासन.
- भारत के तमाम शीर्ष मुस्लिम नेताओं को धमकी या सौदेबाजी की गई थी.
- इसके बाद वह भारत में आकर रह सकता है.
Source : News State