देश में मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रूपये की राशि बतौर शादी शगुन देगी जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी। इस योजना का नाम 'शादी-शगुन' रखा गया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया। एमएईएफ का कहना है कि इस योजना का मकसद सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों और उनके अभिभावकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना है कि लड़कियां यूनिवर्सिटी या कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी कर सके।
हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई एमएईएफ की बैठक में लड़कियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप के संदर्भ में कुछ फैसले किए गए जिनमें ये फैसला प्रमुख है।
इसके अलावा यह भी फैसला किया गया कि अब नौंवी और 10वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 10 हजार रूपये दिए जायेंगे। अब तक 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 12 हजार रूपये मिल रहे थे।
और पढ़ें: प्रिंसिपल ने डाला मुस्लिम छात्राओं पर शिवलिंग बनाने का दबाव, कमरे में किया कैद
एमएईएफ के कोषाध्यक्ष शाकिर हुसैन अंसारी ने बताया, ‘मुस्लिम समाज के एक बड़े हिस्से में आज भी लड़कियों को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है। इसकी एक बड़ी वजह आर्थिक तंगी है। हमारा मकसद लड़कियों और खासकर अभिभावकों को प्रोत्साहित करना है कि लड़कियां कम से कम स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करें। ऐसे में शादी शगुन के तौर पर 51,000 रुपए की राशि देने का फैसला किया गया है। '
उन्होंने कहा, 'यह राशि बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इससे मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए लोगों का हौसला बढ़ेगा।
गौरतलब है कि ‘शादी शगुन’ की यह राशि स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाली उन्हीं मुस्लिम लड़कियों को मिलेगी जिन्होंने स्कूली स्तर पर एमएईएफ की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति हासिल की होगी।
अंसारी ने एमएईएफ के इस नए कदम का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों को देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को सच करने का काम किया है। प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व और नकवी जी के प्रयासों का नतीजा है कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।'
और पढ़ें: बिहार: शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 50 के बाद नही पढ़ा सकेंगे शिक्षक
Source : News Nation Bureau