17वीं लोकसभा का बजट सत्र चल रहा है. मोदी सरकार (Modi Government) सोमवार यानी आज संसद में काले धन (Black Money) पर फाइनल रिपोर्ट पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वित्त मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है. बता दें कि 28 मार्च को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के सामने प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की गई थी. इसके साथ ही लोकसभा की वेबसाइट पर भी यह रिपोर्ट डाली गई है. वहीं कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कालेधन को लेकर मोदी सरकार गंभीर नहीं है.
बता दें कि मोइली रिपोर्ट पेश करने वाली स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन थे. वेबसाइट पर डाली गई रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से लेकर 2008 के बीच में मनमोहन शासन के दौरान देश में आर्थिक सुधारों के दौर में 9,41,837 करोड़ रुपए का काला धन बाहर भेजा गया था. एनआईएफएम का यह अनुमान है कि इस दौरान देश में मौजूद कुल काले धन का 10 फ़ीसदी हिस्सा ही देश से बाहर गया.
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स्टैंडिंग कमिटी ऑन फाइनेंस की इस प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा काला धन रियल स्टेट से जुड़ा है. इसके बाद माइनिंग, फार्मास्युटिकल्स, पान मसाला, गुटखा, टोबैको इंडस्ट्री, बुलियन और कमोडिटी मार्केट से है. इतना ही नहीं फिल्म इंडस्ट्री से भी सबसे ज्यादा काला धन बाहर गया है. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और प्रोफेशनल्स के द्वारा भी काला धन का इस्तेमाल किया जाता है.
HIGHLIGHTS
- मोदी सरकार काले धन पर अंतिम रिपोर्ट पेश कर सकती है
- वित्त मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है
- प्रारंभिक रिपोर्ट लोकसभा की वेबसाइट पर है डाला गया